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Karnataka Temple Tax Bill: कर्नाटक में मंदिरों से टैक्स वसूलने संबंधी बिल पर कांग्रेस सरकार को गवर्नर का झटका, दस्तखत करने से इनकार कर पूछा- अन्य धार्मिक स्थलों पर कर क्यों नहीं?

Karnataka Temple Tax Bill: कर्नाटक की सिद्धारामैया सरकार के इस बिल पर सियासत गरमाई थी। बीजेपी ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताया था। अब सिद्धारामैया सरकार के बिल पर गवर्नर थावरचंद गहलोत की तरफ से दस्तखत न किए जाने से मामला फंस गया है।

बेंगलुरु। कर्नाटक की सिद्धारमैया वाली कांग्रेस सरकार को गवर्नर थावरचंद गहलोत ने बड़ा झटका दिया है। गवर्नर गहलोत ने मंदिरों पर टैक्स लगाने के बिल पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है। गवर्नर ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से पूछा है कि सिर्फ मंदिरों पर टैक्स क्यों लगाया जा रहा है, अन्य धार्मिक स्थलों से भी कर क्यों नहीं लिया जा सकता? कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में बिल पास कराया था। इस बिल के तहत सालाना 10 करोड़ की आय वाले मंदिरों से 10 फीसदी टैक्स लिए जाने का प्रस्ताव किया गया था।

कर्नाटक की सिद्धारामैया सरकार के इस बिल पर सियासत गरमाई थी। बीजेपी ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताया था। अब सिद्धारामैया सरकार के बिल पर गवर्नर थावरचंद गहलोत की तरफ से दस्तखत न किए जाने से मामला फंस गया है। सिद्धारामैया सरकार को अगर बिल पर गवर्नर के दस्तखत लेने हैं, तो उसे दोबारा विधानसभा से बिल पास कराना होगा। वहीं, गवर्नर अगर बिल को राष्ट्रपति के पास भेज देंगे, तो इससे भी कांग्रेस सरकार के मंदिरों से टैक्स लेने के फैसले पर ग्रहण लग सकता है।

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दरअसल, संविधान में कहा गया है कि धर्म के आधार पर कोई विभेद नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि गवर्नर ने इसी को आधार बनाकर सिद्धारामैया सरकार के मंदिरों से टैक्स वसूलने के कदम पर सवाल खड़ा किया है। अगर सिद्धारामैया सरकार दोबारा बिल पास कराकर गवर्नर को भेजती है, तो संविधान के इसी प्रावधान के तहत गवर्नर कानूनी सलाह लेकर अगला कदम भी उठा सकते हैं। फिलहाल बिल पर गवर्नर के दस्तखत न होने तक कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मंदिरों से टैक्स वसूल करने में सक्षम नहीं है।