नई दिल्ली। नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों के आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा समय हो चुका है। बता दें कि 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद से मोदी सरकार पूरी तरह से सतर्क है। वहीं इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भारत की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आरोप हैं कि उनके मंच का इस्तेमाल किसानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है। जिसको देखते हुए भारत सरकार सोशल मीडिया पर ऐसे ट्विटर हैंडल पर पैनी नजर रखे हुए। इसी बीच अब भारत सरकार ने ट्विटर से किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले बड़ी कार्रवाई की है।
दरअसल सरकार ने ट्विटर से किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट को हटाने के लिए कहा है। ट्विटर ने अभी तक पूरी तरह से आदेशों का पालन नहीं किया है। यह जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है।
सरकार ने ट्विटर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत और भड़काऊ सूचना फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट हटाने के लिए कहा है: सूत्र pic.twitter.com/LRTkGwNVOH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 8, 2021
देश में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच महीने की शुरुआत में सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत हैशटैगमोदीप्लैनिंगफार्मरजेनोसाइड का इस्तेमाल कर रहे 257 खातों को ट्विटर पर ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ऐसे खातों को ब्लॉक किए जाने के सरकार के आदेश का अनुपालन न करने के चलते ट्विटर को दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी थी।
हैशटैगमोदीप्लैनिंगफार्मरजेनोसाइड के साथ कई बातें सोशल मीडिया पर रखी गईं, सरकार का मानना है कि इनका मकसद लोगों को भड़काना और नफरत फैलाना है। इस बात का हवाला देते हुए कि सरकार के आदेश के बावजूद ट्विटर ने ऐसे खातों और ट्वीट्स को अनब्लॉक कर रखा है, नोटिस में कहा गया कि ट्विटर एक मध्यस्थ है और सरकार के आदेश का पालन करने के लिए बाध्य है, लेकिन अगर फिर भी ऐसा नहीं होता है, तो इसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।