
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 प्रतिबंध को फिलहाल 5 दिसंबर तक लागू रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह प्रतिबंधों में ढील देने से पहले यह देखना चाहते हैं कि वायु गुणवत्ता में कितना सुधार हुआ। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों की सरकारों के मज़दूरों को मुआवजा देने में ढील के रवैये पर नाराजगी जताई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक निर्माण कार्यों में रोक है तब तक वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे को श्रमिकों को उनकी जीविका चलाने के लिए दें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के मुख्य सचिवों को अगली सुनवाई के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने को बोला है। वहीं दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नरों की रिपोर्ट देख कर उनकी सुरक्षा को लेकर अदालत ने चिंता जताई। कोर्ट कमिश्नर मनन वर्मा ने धमकियां मिलने की बात कोर्ट में कही है। इसके साथ ही कोर्ट कमिश्नरों को सशस्त्र पुलिसकर्मी मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। अब इस केस की सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
इससे पहले 28 नवम्बर को सुनवाई में कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को एक बैठक आयोजित करने और ग्रैप 4 संबंधी प्रतिबंधों के बारे में सुझाव मांगा था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में एक न्यूज़ के हवाले से पंजाब की आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार को भी फटकार लगाई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट द्वारा की जा रही निगरानी से बचने के लिए अधिकारी किसानों को शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की अनुमति दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर इस रिपोर्ट में जरा भी सच्चाई है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है।