newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Gyanvapi Case: वाराणसी के जिला जज आज सुनेंगे ज्ञानवापी मस्जिद का केस, जानिए पहले किसकी अर्जी पर होगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट से ये केस जिला जज को ट्रांसफर किया था। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के वाद के खिलाफ ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत अर्जी दी है। उसने कहा है कि हिंदू पक्ष की अर्जी को खारिज कर देना चाहिए।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े केस में आज जिला जज के कोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश सबसे पहले मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई करेंगे। इसके साथ ही सिविल जज की ओर से मस्जिद के कराए गए सर्वे पर आपत्तियां भी दोनों पक्ष दाखिल कर सकते हैं। पिछली सुनवाई में हालांकि, आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट से ये केस जिला जज को ट्रांसफर किया था। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के वाद के खिलाफ ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत अर्जी दी है। उसने कहा है कि हिंदू पक्ष की अर्जी को खारिज कर देना चाहिए।

हिंदू पक्ष ने पहले मस्जिद में कथित रूप से स्थित मां शृंगार गौरी के पूजा-पाठ की मंजूरी के लिए केस किया था। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे रिपोर्ट में मस्जिद के वजूखाने से शिवलिंग जैसी आकृति मिलने के बाद केस ने दूसरा रूप ले लिया। पहले सिविल जज और फिर सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को सील रखने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष इस आदेश को भी रद्द कराना चाहता है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी का कहना है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत हिंदुओं का वाद सुना ही नहीं जा सकता। उसने केस खारिज करने के पक्ष में 7 और बिंदु दिए हैं।

gyanvapi mosque

आज ही जिला जज तीन और अर्जियों पर भी फैसला ले सकते हैं। इसमें हिंदुओं की तरफ से वजूखाने के नीचे की जगह को तोड़कर कमीशन से सर्वे कराने। सरकारी वकील की तरफ से वजूखाने के तालाब में मिली मछलियों को संरक्षित करने और काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के पूजा-पाठ की मंजूरी की अर्जियां हैं। इन तीनों पर सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी।