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Happy Birthday Pingali Venkayya: पिंगली वेंकैया का जन्मदिन आज, 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज की स्टडी कर बनाया हिंदुस्तान का तिरंगा

Happy Birthday Pingali Venkayya: दक्षिण अफ्रीका में पिंगली की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। वो बापू से इतने प्रभावित हुए कि उनके साथ हमेशा के लिए रहने वो भारत लौट आए। वेंकैया का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान था।

नई दिल्ली। पिंगली वेंकैया का आज यानि 02 अगस्त को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्म हुआ था। ये वह शख्स थे जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को डिजाइन किया था। पिंगली युवा अवस्था में ब्रिटिश सेना में शामिल हो गए थे लेकिन गांधीजी से एक मुलाकात ने उनके जीवन को बदल दिया। पिंगली एक लेखक और भाषा विशेषज्ञ थे। सन् 1913 में उन्होंने जापानी भाषा में एक लंबा भाषण पढ़ा था। इनकी इन्हीं खूबियों की वजह से उन्हें मसलन- जापान वेंकैया, पट्टी (कॉटन) वेकैंया और झंडा वेंकैया नाम मिला। पिंगली महज 19 साल की उम्र में ब्रिटिश आर्मी में शामिल हो गए। लेकिन उन्हें तो देशसेवा करनी थी। दक्षिण अफ्रीका में पिंगली की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। वो बापू से इतने प्रभावित हुए कि उनके साथ हमेशा के लिए रहने वो भारत लौट आए। वेंकैया का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान था।

30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज की स्टडी कर बनाया तिरंगा

पिंगली ने 30 देशों के राष्ट्रीय ध्वज की स्टडी करके तिरंगे का निर्माण किया।  वेंकैया 1916 से लेकर 1921 तक लगातार इस पर स्टडी किया तब जाकर उन्होंने तिरंगे को डिजाइन किया।साल 1916 में उन्होंने भारतीय झंडे के डिजाइन को लेकर एक किताब भी लिखी थी, उस समय तिरंगे में लाल रंग हिंदुओं के लिए था। हरा रंग मुस्लिम धर्म और सफेद बाकी धर्मों के प्रतीक के तौर पर रखा गया था। इसी के साथ बीच में चरखे को स्थान दिया गया था। साल 1921 में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के विजयवाड़ा अधिवेशन में पिंगली वेंकैया के डिजाइन किए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अर्जी दे दी गई। साल 1931 में तिरंगे को अपनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें कुछ संशोधन किया गया, लाल रंग की जगह केसरिया रंग को स्थान दिया गया। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में इसे राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया गया। इसके कुछ वक्त बाद फिर संशोधन हुआ और चरखे की जगह अशोक चक्र को स्थान दिया गया, जिसकी वजह से महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। अभी हमारे तिरंगे में केसरिया का अर्थ – समृद्धि, सफेद का अर्थ – शांति और हरा मतलब प्रगति से है।

 पिंगली वेंकैया का निधन

देश को तिरंगा देने वाले पिंगली की मौत बेहद गरीबी में हुई। साल 1963 में वेंकैया का निधन एक झोपड़ी में रहते हुए हो गई। जिसके बाद पिंगली की याद तक को लोगों ने भुला दिया। साल 2009 में पहली बार पिंगली वेंकैया के नाम पर एक डाक टिकट जारी हुआ। उसके बाद लोगों को पता चला कि वो पिंगली ही थे, जिन्होंने हमें हमारा तिरंगा दिया, उसके पहले तक लोगों को इस बात की जानकारी तक नहीं थी। उनके निधन के 46 साल बाद उन्हें देश ने सम्मान दिया था।