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UP: यूपी के मिनी CM, मुलायम के विश्वासपात्र हरमोहन यादव की पुण्यतिथि कार्यक्रम में PM मोदी लेंगे हिस्सा, जानिए क्या हैं सियासी मायने

Uttar Pradesh: साल 2012 में हरमोहन सिंह की मृत्यु के बाद दोनों के परिवार के बीच रिश्त अभी भी बरकरार रहे। लेकिन सपा की बागडोर संभालने के बाद से अखिलेश यादव अब दोनों परिवार के संबंध टूट के कगार नजर आ रहे है। खबरों के मुताबिक, हरमोहन सिंह के पुत्र और सपा के राज्यसभा सांसद सुखराम यादव (Rajya Sabha MP Sukhram Yadav) अखिलेश यादव से नाराज चल रहे है। इसके पीछे की वजह सपा चीफ का उन्हें वक्त न देना।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समाजवादी पार्टी के  संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे स्वर्गीय नेता चौधरी हरमोहन सिंह यादव (Harmohan Singh Yadav) की 10वीं पुण्यतिथि पर कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी 25 जुलाई को शाम 4.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित भी करेंगे। आपको बता दें कि ह​रमोहन सिंह यादव को यूपी में बड़े चेहरे के तौर पर देखा जाता था। इतना ही नहीं उन्हें कभी यूपी का मिनी मुख्यमंत्री भी कहा जाता था। तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह के बाद कद्दावर नेता हरमोहन यादव की गिनती हुआ करती थी। वो मुलायम सिंह के विश्वासपात्र माने जाते थे। दोनों नेताओं के बीच संबंध इतने अच्छे रहे कि करीब 4 दशक से भी ज्यादा वक्त मित्रता रही। इतना ही नहीं मुलायम सिंह उन्हें अपने बड़े भाई के साथ-साथ गुरु भी मानते थे।

PM Modi

साल 2012 में हरमोहन सिंह की मृत्यु के बाद दोनों के परिवार के बीच रिश्त अभी भी बरकरार रहे। लेकिन सपा की बागडोर संभालने के बाद से अखिलेश यादव अब दोनों परिवार के संबंध टूट के कगार नजर आ रहे है। खबरों के मुताबिक, हरमोहन सिंह के पुत्र और सपा के राज्यसभा सांसद सुखराम यादव (Rajya Sabha MP Sukhram Yadav) अखिलेश यादव से नाराज चल रहे है। इसके पीछे की वजह सपा चीफ का उन्हें वक्त न देना।

इससे पहले सुखराम यादव यूपी विधानसभा चुनाव में सपा को मिली हार के बाद अखिलेश यादव को नसीहत भी दे चुके है। उन्होंने सपा सुप्रीमो को परिवार संग तालमेल रखने की अपील की थी। उनके भाजपा से करीबी होने की कोई नई बात नहीं है। सुखराम यादव ने अप्रैल माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद उनके भाजपा के नजदीकी बढ़ने की बात सामने आ चुकी है। ऐसे में पीएम मोदी का उनके पुण्यतिथि पर कानपुर जाने के पीछे कई सियासी मायने हो सकते है। भाजपा अब सपा के गढ़ में सेंधमारी कर कमल खिलाने की तैयार में जुट गई है।

एक समय में यूपी के मिनी सीएम कहलाए जाने लगे-

एक वक्त में चौधरी हरमोहन सिंह यादव को मिनी मुख्यमंत्री को तौर पर देखे जान लगा। जब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम बने तो उस वक्त उनका कद बढ़ता चल गया। लोग उन्हें सूबे का मिनी सीएम तक कहने लगे थे। माना जाता है कि मुलायम सिंह उनकी कोई बात को नहीं टालते थे।

सर्वविदित हो कि साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हरमोहन सिंह के बेटे चौधरी सुखराम सिंह यादव के साथ रतनलाल नगर में 4-5 घंटे तक दंगाइयों पर हवाई फायरिंग पर सिखों की रक्षा की थी। यही एक कारण था, जिसकी वजह से 1991 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

एक नजर सियासी सफर पर-

आपको बता दें कि उनका जन्म 18 अक्टूबर 1921 को कानपुर के मेहरबन सिंह का पूर्वा गांव में हुआ था। 31 साल की आयु में उन्होंने सियासी मैदान में कदम रखा। हरमोहन सिंह यादव 1970 में, 1976 में और फिर 1984 में एमएलसी बने थे।  इसके बाद विधानसभा सदस्य रहते हुए उनकी पदवी भी बढ़ी थी। वो 18 साल तक पार्षद और 12 साल राज्यसभा के सदस्य रहे।इसी दशक में चौधरी चरण सिंह का उत्तराधिकार उनके पुत्र अजीत सिंह को मिलने के कारण उनके और मुलायम सिंह के बीच में खटपट हो गई। हालांकि दोनों के बीच कोई खटास पैदा नहीं हुई।