नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस कांड (Hathras case) को लेकर हर रोज नए बड़े खुलासे हो रहे हैं। एक तरफ जहां विपक्षी दल इस मसले को लेकर राजनीति करने में जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हाथरस केस को लेकर लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी बीच हाथरस कांड की जांच में अब एक यूपी पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इस केस से जुड़े लोगों के राज से भी पर्दा उठा रहा है। जांच एजेंसियों को इस पूरी घटनाक्रम में भीम आर्मी से लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) और विदेशी फंडिंग से लेकर खनन माफिया तक से कनेक्शन जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
इन सबके बीच यूपी पुलिस ने बड़ा दावा किया है। दरअसल यूपी पुलिस के मुताबिक पीड़िता को इंसाफ दिलाने की आड़ में यूपी में दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही थी और इसके लिए विदेशों से फंडिंग की जा रही थी। मामले की जांच में कई अहम जानकारियां मिलने के बाद अब पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई है और इस षड्यंत्र को अंजाम देने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि यूपी में शांति भंग करने करने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मुखपत्र के संपादक को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार संपादक शाहीन बाग के पीएफआई दफ्तर का सचिव भी है। वहीं जांच के बीच हाथरस में हिंसा फैलाने की इस साजिश में भीम आर्मी का नाम भी सामने आया है। जांच एजेंसियों को ऐसे सबूत हाथ लगे हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि हाथरस की आड़ में पीएफआई और भीम आर्मी मिलकर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।
वहीं इस मामले में विदेशी फंडिंग की बात सामने आने के बाद यूपी पुलिस ने इस केस से जुड़े सभी संदिग्ध लोगों के बैंक ट्रांजेक्शन की जांच शुरू कर दी है। जांच में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि PFI ने अपने इस षड्यंत्र में भीम आर्मी को शामिल किया और यूपी में दंगा फैलाने के लिए फंडिंग की। शुरुआती जांच में एक संदिग्ध के अकाउंट में भारी ट्रांजेक्शन हुआ है। अब इस मामले से जुड़े अन्य लोगों के अकाउंट की जांच की जा रही है।