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Rajiv Gandhi Case: ’32 साल से मां को नहीं देखा…’, राजीव गांधी के हत्यारे ने लिखा लेटर, बयां किया अपना दर्द

Rajiv Gandhi Case: मैं पिछले 32 सालों से अपनी मां से नहीं मिल सका हूं, मेरा मन यह सोचकर खेदित होता है कि मैं उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी अपनी मां की मदद नहीं कर पा रहा हूं। टी सुथेंथिरराज ने अपने पत्र में कहा कि मैं पिछले 6 माह से त्रीची केंद्रीय कारागार के अंदर मौजूद स्पेशल कैंप में बंद हूं।

नई दिल्ली। दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे  श्रीलंकाई नागरिक एमटी संथन उर्फ टी सुथेंथिरराज ने पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा, पीड़ा और मलाल को शब्दों की माला में पिरोरकर बयां किया है। एमटी संथन उर्फ टी सुथेंथिरराज ने अपने पत्र में कहा कि कैंप में जिंदगी बिताने से बेहतर है कि मैं किसी सेंट्रल जेल में अपनी जिंदगी के 32 साल बिता देता। टी सुथेंथिरराज ने कहा कि मैं इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री को पत्र लिख चुका हूं। इससे पूर्व मैंने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि मुझे श्रीलंका के डिप्टी हाई कमीशन ऑफिस जाने की इजाजत दी जाए, जहां मैं अपना पासपोर्ट रिन्यू करा सकूं, लेकिन अभी तक मुझे इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

मैं पिछले 32 सालों से अपनी मां से नहीं मिल सका हूं, मेरा मन यह सोचकर खेदित होता है कि मैं उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी अपनी मां की मदद नहीं कर पा रहा हूं। टी सुथेंथिरराज ने अपने पत्र में कहा कि मैं पिछले 6 माह से त्रीची केंद्रीय कारागार के अंदर मौजूद स्पेशल कैंप में बंद हूं। मेरे साथ 120 विदेशी हैं, जिनमें से करीब 90 श्रीलंकाई कैदी भी हैं। अधिकारियों ने हमें जिंदा तो रखा है, लेकिन हम किसी मरी हुई लाश से कम नहीं हैं। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में रिहाई पाने हम चारों कैदियों को एक कमरे में बंद करके रखा गया है। कैंप में और किसी को जाने की इजाजत नहीं है, सिर्फ खून के रिश्तोंं को मिलने की इजाजत है। ऐसे में सबसे बड़ी दुश्वारी हमारे लिए यह है कि हम इससे पार कैसे पाए।

गौरतलब है कि 11 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सजा काट रहे 6 आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया गया था। आदेश के अगले दिन नलिनी, श्रीहरन, संथन, रॉबर्ड पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को 32 साल बाद जेल से रिहा किया गया, लेकिन इसके बाद नलिनी और रविचंद्रन को रिहा कर दिया गया है, लेकिन बाकी चारों को अभी तक रिहाई नहीं मिल सकी है, जिस पर अब टी सुथेंथिरराज ने अपना दर्द बयां करते हुए पत्र लिखा है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।