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स्कूल को लेकर SOP जारी, जानिए 9 से 12वीं के छात्रों और शिक्षकों के लिए क्या है निर्देश में

कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों (Schools) को अब खोला जाएगा। बता दें कि गृहमंत्रालय के अनलॉक 4.0 दिशा निर्देशों के अनुसार, छात्रों को 20 सितंबर तक स्कूल जाने की अनुमति नहीं है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों (Schools) को अब खोला जाएगा। बता दें कि गृहमंत्रालय के अनलॉक 4.0 दिशा निर्देशों के अनुसार, छात्रों को 20 सितंबर तक स्कूल जाने की अनुमति नहीं है। वहीं 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 के छात्र स्कूल आ सकते हैं। इसके लिए छात्र-छात्राओं के माता-पिता की सहमति जरूरी होगी। इसके बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। सरकार ने एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने SOP जारी करते हुए यह आम सावधानियां बरतने के लिए कहा है-

-फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

-आपस में छह फुट की दूरी रखनी होगी।

-निरंतर अंतराल पर हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा।

– भोजन करते हुए और सीखते वक्त मुंह और नाक को ढंकना होगा।

-थूकना मना होगा।

– स्वास्थ्य की सेल्फ-मॉनिटरिंग जरूरी है और जैसे ही तबीयत में कुछ खराबी हो तुरंत रिपोर्ट करें।

– जहां संभव हो वहां आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की सलाह दी जाए।

स्कूलों को कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाओं के लिए यह इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है-

-ऑनलाइन पढ़ाई की इजाजत बनी रहेगी और इसको बढ़ावा दिया जाएगा।

– कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 के छात्रों को उनके स्कूल जाने की इजाजत स्वैच्छिक आधार पर होगी। छात्र अपने अध्यापकों से सलाह लेने के लिए स्कूल जा सकते हैं लेकिन माता-पिता से लिखित सहमति अनिवार्य होगी। भीड़ न हो इसलिए अलग-अलग समय पर छात्रों को आने का समय दिया जा सकता है।

स्कूल खोलने से पहले करनी होंगी यह व्यवस्थाएं-

– केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूलों को ही खोलने की इजाजत होगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, टीचर या अन्य स्टाफ को स्कूल आने की इजाजत नहीं होगी। इन सभी को किसी भी कंटेनमेंट जोन में न जाने की सलाह दी जाती है।

– स्कूल खोलने से पहले जिन इलाकों में छात्रों और टीचरों का संवाद होना है उसको सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सैनिटाइज किया जाए. ऐसी सभी जगहों पर खास ध्यान दिया जाए जहां पर निरंतर हाथ लगाए जाते हैं।

-जिन स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया गया था, उनको अच्छे से सैनिटाइज किया जाए।

-ऑनलाइन टीचिंग/टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को स्कूल बुलाया जा सकता है।

-नौ से 12 तक के छात्रों के पास विकल्प होगा कि वे क्लास वर्चुअल/रिमोटली क्लास अटेंड करें या शारिरिक रूप से अटेंड करें. यह स्वैच्छिक होगा और माता-पिता की लिखित सहमति जरूरी होगी।

– स्कूल प्रशासन बायोमैट्रिक अटेंडेंस की जगह अन्य वैकल्पिक इंतजाम करें जिससे संपर्क रहित अटेंडेंस हो सके।

– छात्र और टीचर 6 फीट की दूरी हर समय सुनिश्चित करेंगे और सिटिंग प्लान इसी आधार पर बनेगा।