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Anand Mohan: बिहार के बाहुबली आनंद मोहन क्या फिर जेल जाएंगे? मृतक डीएम की पत्नी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

दलित समुदाय से आने वाले डीएम जी. कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को हुई थी। उस तारीख को उस दिन वो एक बैठक से गोपालगंज लौट रहे थे। जबकि, अपराधी छोटन शुक्ला की हत्या की वजह से मुजफ्फरपुर में लोग आंदोलित थे। आनंद मोहन सिंह भी वहां प्रदर्शन करने गए थे। तब डीएम की पीटकर हत्या हुई थी।

नई दिल्ली। भीड़ को उकसाकर डीएम की हत्या कराने के दोषी बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह के लिए आज का दिन अहम है। डीएम रहे जी. कृष्णैया की पत्नी उमा की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। उमा कृष्णैया ने बिहार की नीतीश सरकार की तरफ से नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन को जेल से रिहा करने के खिलाफ ये अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दी है। उन्होंने अपनी अर्जी में आनंद मोहन को एक बार फिर जेल भेजने की गुहार देश की सबसे बड़ी अदालत से लगाई है। आनंद मोहन को बीते दिनों बिहार में जेल से रिहा कर दिया गया था। सत्तारूढ़ जेडीयू और आरजेडी कह रही हैं कि आनंद मोहन को रिहा करने में कोई गलत कदम सरकार की तरफ से नहीं उठाया गया है।

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मृतक दलित डीएम जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया।

उमा ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले कहा है कि उनको उम्मीद है कि कोर्ट उनकी अर्जी पर विचार कर आनंद मोहन को फिर जेल भेजने का आदेश देगा। हालांकि, आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद कम ही है। जानकारों के मुताबिक कोर्ट आज सुनवाई के बाद बिहार सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांग सकता है। इसके बाद राज्य सरकार के जवाब के आधार पर गौर कर सुप्रीम कोर्ट आनंद मोहन को जेल भेजने या न भेजने पर फैसला सुनाएगा।

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डीएम जी. कृष्णैया और उनकी पत्नी उमा की फाइल फोटो।

दलित समुदाय से आने वाले डीएम जी. कृष्णैया की हत्या 5 दिसंबर 1994 को हुई थी। उस तारीख को उस दिन वो एक बैठक से गोपालगंज लौट रहे थे। जबकि, अपराधी छोटन शुक्ला की हत्या की वजह से मुजफ्फरपुर में लोग आंदोलित थे। आनंद मोहन सिंह भी वहां प्रदर्शन करने गए थे। उनपर आरोप साबित हुआ था कि कृष्णैया पर हमले के लिए उन्होंने भीड़ को उकसाया। निचली अदालत ने इस मामले में आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई थी। जिसे बाद में पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदला था। आनंद मोहन इस मामले में 17 साल कैद में बिताने के बाद बीते दिनों रिहा हुए थे।