
नई दिल्ली। राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक में आज मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला किया गया। मोहन यादव एक चौंकाने वाला नाम है। क्योंकि इनके नाम को लेकर कहीं भी दूर-दूर तक चर्चा नहीं थीं। चर्चाओं में बड़े चेहरे शामिल थे जिसमें शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय। यहां तक विधायक दल की बैठक से पहले हुए फोटो सेशन में भी मोहन यादव अंतिम कतार में बैठे हुए थे, लेकिन किसी ने सोचा था कि अंतिम कतार में बैठने वाले शख्स को एक दिन बीजेपी प्रदेश का मुख्यमंत्री बना देगी। उधर, इस फैसले को आगामी लोकसभा चुनाव जोड़कर देख जा रहा है। बता दें कि प्रदेश में 33 लोकसभा सीटें हैं। लिहाजा लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने ओबीसी समुदाय को साधने के प्रयास के मकसद से मोहन यादव के नाम पर दांव लगाया है। मोहन यादव के पास राजनीति में 41 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का आगाज अखिल भारतीय विधार्थी परिषद से किया था, जिसके बाद वो कई मर्तबा सांसद रहे, लेकिन एक दिन पार्टी सीएम पद की कमान सौंपेंगी। इस बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था।
#WATCH | BJP leader Shivraj Singh Chouhan tenders his resignation to Governor Mangubhai C. Patel at Raj Bhavan in Bhopal after party leader Mohan Yadav was elected as the new Chief Minister of Madhya Pradesh pic.twitter.com/4Nrmn73BKb
— ANI (@ANI) December 11, 2023
उधर, मोहन यादव का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चयन किए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसके अलावा विधायक दल की बैठक में सीएम पद के लिए चुने गए मोहन यादव राज्यपाल के अपना सरकार बनाने के लिए पहुंच चुके हैं। वहीं, विधायक दल की बैठक में दो डिप्टी सीएम भी चुने गए हैं, जिसमें राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा का नाम शामिल है। इसके अलावा नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है। सियासी विश्लेषकों की मानें तो पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व ओबीसी समुदाय को साधने के मकसद से मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई है।
बता दें कि विधायक दल की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव का नाम प्रस्तावित किया था। ध्यान दें, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के चयन के लिए मनोहर लाल खट्टर को जहां पर्यवेक्षक बनाया गया था, तो वहीं दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान को प्रस्तावक बनाया गया था। बहरहाल, अब आगामी दिनों में प्रदेश की सियासी स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।