newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Bihar: इधर नीतीश कुमार ने ली सीएम पद की शपथ, उधर जीतनराम मांझी ने कर दी ऐसी मांग

Bihar: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने कहा कि हमें नीतीश कुमार को समर्थन देने में कोई गुरेज नहीं है। इससे पहले भी हमने साल 2015 में नीतीश कुमार को समर्थन दिया था। उस वक्त कैबिनेट में हमारी पार्टी से सिर्फ एक नेता था, लेकिन इस बार स्थिति कुछ और है।

नई दिल्ली। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री, तो राजद नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। हालांकि, नीतीश मंत्रिमंडल में किस दल की कितनी हिस्सेदारी होगी, इसे लेकर अभी तक कोई-भी जानकारी प्रकाश में नहीं आई है, लेकिन इतना साफ है कि मंत्रिमंडल में सर्वाधिक दबदबा अगर किसी दल का दिखने वाला है, तो वो जदयू और राजद ही हैं। जाहिर है कि इन दोनों दलों का महागठबंधन को बनाने की दिशा में सर्वाधिक योगदान रहा है। ऐसे में अगर कैबिनट में इन दोनों दलों के नेताओं का दबदबा देखने को मिलता है, तो ज्यादा चकित होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि अन्य दलों मसलन, कांग्रेस, हम, वामदल के योगदान को भी नीतीश कुमार दरकिनार नहीं कर सकते हैं, क्योंकि चंद सीटों के लिहाज से ही, लेकिन महागठबंधन सरकार बनाने की दिशा में इनकी भूमिका भी निर्णायक रही है, लेकिन इस बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने नीतीश को समर्थन देने के संदर्भ में कुछ ऐसी बात कह दी है, जिस पर सियासी प्रेक्षकों का कहना है कि कैबिनेट गठन को लेकर उथल-पुथल शुरू हो सकती है।

 

जीतनराम मांझी ने ऐसी क्या मांग रख दी

आपको बता दें कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने कहा कि हमें नीतीश कुमार को समर्थन देने में कोई गुरेज नहीं है। इससे पहले भी हमने साल 2015 में नीतीश कुमार को समर्थन दिया था। उस वक्त कैबिनेट में हमारी पार्टी से सिर्फ एक नेता था, लेकिन इस बार स्थिति कुछ और है। इस बार हमारी पार्टी के विधायक और एमएलसी को मिलाकर कुल पांच हैं, तो ऐसे हमें कम से कम दो मंत्री पद मिलने चाहिए। बहरहाल, अभी तक इस संदर्भ में नीतीश की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, अभी तक राजद की ओर से कितने नेताओं को मंत्रिपद दिया जाए, इस संदर्भ में कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों बिहार कैबिनेट का स्वरूप कैसा रहता है?

नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के बारे में कही ऐसी बात

इसके साथ ही जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के संदर्भ में कहा कि वे प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उनके अंदर काबिलियत है। ध्यान रहे कि बीते दिनों मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद बिहार के सियासी गलियारों में नीतीश कमार को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग जोर पकड़ रही थी। उधर, नीतीश द्वारा बीजेपी से राहें जुदा करने के फैसले को आगामी लोकसभा चनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा में उन्हें विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया सकता है। कुछ राजनीतिक पंडितों का तो यहां तक कहना है कि एनडीए के पाले में रहकर नीतीश कुमार के लिए प्रधानमंत्री की दावेदारी तक पहुंचना मुश्किल था, लिहाजा उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी से अपनी राहें जुदां कर लीं हैं।

jitan ram manjhi demands cm nitish kumar to give 5 thousand unemployment  wages to unemployed youth of bihar - जीतनराम मांझी की बड़ी मांग, बिहार में  बेरोजगारों को 5 हजार रुपए भत्‍ता दे सरकार

हालांकि, बीजेपी उनके इस कदम की आलोचना कर रही है। बता दें कि बीते मंगलवार को बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी से गठबंधन तोड़ने पर कहा था कि उन्होंने जनादेश का अपमान किया है। उन्होंने बिहार की जनता के साथ छलावा किया है। उन्होंने बिहार की जनता से विगत बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जदयू को वोट दिया था, ना की महागठबंधन को, लेकिन इस तरह का कदम उठाकर नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को धोखा दिया है। बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार सत्ता सुख की प्राप्ति के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता कर जाते हैं। लिहाजा, ऐसा करके वे अपनी साख गंवाते जा रहे हैं। उधर, बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश के इस कदम पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि वे कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। बहरहाल, अब आगामी दिनों में बिहार की राजनीति क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी ।