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Politics: पश्चिमी यूपी को साधने के लिए अब ये दांव चल सकती है बीजेपी, बहुत पुरानी मांग होगी पूरी

अभी पश्चिमी यूपी के लोगों और वकीलों को हाईकोर्ट का मुकदमा लड़ने के लिए प्रयागराज जाना पड़ता है। जबकि, हाईकोर्ट की एक बेंच लखनऊ में है। यहां प्रदेश के पूर्वी हिस्से, अवध और बुंदेलखंड के केस सुने जाते हैं।

लखनऊ। यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पश्चिमी हिस्से को साधने के लिए बीजेपी अब एक और दांव चल सकती है। ये दांव बरसों पुरानी एक बड़ी मांग को पूरा करने का है। इस दांव के तहत पश्चिमी यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच खोलने का एलान होने की उम्मीद है। अगर ये कदम बीजेपी उठाती है, तो इससे पश्चिमी यूपी के लोगों और वकीलों को प्रयागराज तक दौड़ लगाने से मुक्ति मिल जाएगी। बरसों पुरानी मांग हाईकोर्ट की एक बेंच खोलने को लेकर है। इस मांग के लिए कई बार बड़े आंदोलन भी हो चुके हैं। अभी पश्चिमी यूपी के लोगों और वकीलों को हाईकोर्ट का मुकदमा लड़ने के लिए प्रयागराज जाना पड़ता है। जबकि, हाईकोर्ट की एक बेंच लखनऊ में है। यहां प्रदेश के पूर्वी हिस्से, अवध और बुंदेलखंड के केस सुने जाते हैं। पश्चिमी यूपी में बेंच बन जाने से इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्वी यूपी के केस और लखनऊ बेंच में अवध और बुंदेलखंड के केस सुने जाएंगे। इससे पश्चिम के वकीलों को प्रयागराज तक आना नहीं होगा।

इस मांग को पूरा करने के अलावा अगले करीब सवा महीने में बीजेपी पश्चिम यूपी में विकास की गंगा भी भरपूर बहाने की तैयारी में है। सीएम योगी ने इस बारे में अपने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि पश्चिमी यूपी में हर हाल में विकास के कार्यों को पूरा कराया जाए। यूपी के पूर्वांचल, अवध और बुंदेलखंड में विकास के तमाम काम बीजेपी सरकार ने कराए हैं। अब उसका फोकस पश्चिम है।

सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में पश्चिम यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम बड़े नेताओं का दौरा भी कराया जाना है। तीन कृषि कानून वापस होने के बाद यहां के जाट समुदाय को बीजेपी फिर अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुटी है। बता दें कि पश्चिमी यूपी में सीटें हासिल करने का जिम्मा बीजेपी ने गृहमंत्री और पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को सौंपा है। पिछले चुनाव में पश्चिमी यूपी ने बीजेपी का सपोर्ट किया था।