
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की नागरिकता के मुद्दे पर जवाब देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 4 हफ्ते का समय दिया है। केस की अगली सुनवाई अब 21 अप्रैल को होगी। गृह मंत्रालय ने अदालत से 8 सप्ताह का समय मांगा था मगर हाईकोर्ट बेंच ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया। यह याचिका कर्नाटक के वकील और बीजेपी सदस्य एस विग्नेश शिशिर की ओर से दायर की गई है जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का दावा किया है और उनकी भारतीय नागरिकता को रद्द किए जाने की मांग उठाई है।
याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के गोपनीय मेल का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता की बात को छुपाया है। चूंकि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है ऐसे में वो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84(ए) के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। इस लिहाज से याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की सांसदी को भी रद्द किए जाने की हाईकोर्ट बेंच से मांग की है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता भारतीय न्याय संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत अपराध है, अदालत इस पूरे मामले की जांच करने तथा कांग्रेस सांसद के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे।
इससे पहले 19 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वो इस संबंध में कार्रवाई का ब्यौरा 24 मार्च को अदालत में पेश करे। हालांकि आज सुनवाई के दौरान सरकार ने ब्यौरा पेश नहीं किया। आपको बता दें कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इससे पहले राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता होने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी।