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Hijab Ban In Karnataka Schools To Continue: कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में जारी रहेगा हिजाब बैन, सिद्धारामैया सरकार ने इस वजह से लिया फैसला

Hijab Ban In Karnataka Schools To Continue: जनवरी 2022 में उडुपी के कॉलेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर गई थीं। जिसके बाद वहां से उनको लौटा दिया गया था। इसके खिलाफ छात्राओं ने विरोध जताया। जबकि, उनके विरोध के बाद तमाम छात्र भगवा दुपट्टा पहने कॉलेज पहुंचे थे। इसके बाद तत्कालीन बीजेपी सरकार ने आदेश जारी कर शैक्षिक संस्थानों में ड्रेस कोड पालन का आदेश जारी किया था। उस आदेश का कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विरोध किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

बेंगलुरु। कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पर अभी बैन लगा रहेगा। ये जानकारी सिद्धारामैया सरकार में शिक्षा मंत्री मदु बंगरप्पा ने दी है। मदु बंगरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पर रोक संबंधी छात्राओं की अपील पर फैसला लंबित है। इसलिए कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पर रोक संबंधी आदेश अभी जारी रखा गया है। ऐसे में शैक्षिक संस्थानों में मौजूदा ड्रेस कोड लागू रहेगा। बता दें कि जनवरी 2022 में उडुपी के कॉलेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर गई थीं। जिसके बाद वहां से उनको लौटा दिया गया था। इसके खिलाफ छात्राओं ने विरोध जताया। जबकि, उनके विरोध के बाद तमाम छात्र भगवा दुपट्टा पहने कॉलेज पहुंचे थे।

कॉलेज में हिजाब न पहनने देने का मुद्दा गर्माया, तो कर्नाटक की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने 5 फरवरी 2022 को आदेश जारी किया कि शैक्षिक संस्थानों में ड्रेस कोड मानना होगा। इस आदेश के खिलाफ हिजाब पहनने वाली छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने विस्तृत सुनवाई के बाद कहा था कि शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक वस्त्र न पहनने देने का कर्नाटक सरकार का आदेश सही है। हाईकोर्ट ने कहा था कि इस्लाम धर्म में हिजाब जरूरी नहीं है।  कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच के दोनों जजों की राय अलग-अलग थी। जिसके बाद मामला बड़ी बेंच को रेफर किया गया था। इस बेंच में अभी मामले पर सुनवाई नहीं हुई है।

कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में धार्मिक वस्त्रों मसलन हिजाब न पहनने देने का मामला सियासत में भी गर्मी ले आया था। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस आदेश के खिलाफ आवाज उठाई थी। अब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार को बने काफी वक्त हो चुका है, लेकिन वो भी सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पर रोक का आदेश वापस नहीं ले सकी है। ऐसे में फिलहाल कर्नाटक के शैक्षिक संस्थानों में ड्रेस कोड का पालन छात्र-छात्राओं को करना होगा।