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Ram Mandir Pran Pratishtha: हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने प्राण प्रतिष्ठा पर छुट्टी घोषित की, पार्टी के बड़े नेताओं ने समारोह से किया था किनारा

Ram Mandir Pran Pratishtha: हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल ना होने का फैसला क्यों किया है, तो इसके पीछे की वजह स्पष्ट है कि बीजेपी ने इसे आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने ऐसा फैसला लिया है।

नई दिल्ली। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है, जिसमें शामिल होने के बाबत राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से अनेकों गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है। वहीं, इस खास मौके पर कई राज्य सरकारों ने छुट्टी का भी ऐलान कर दिया है, जिसमें अब हिमाचल प्रदेश का नाम भी शामिल है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्राण प्रतिष्ठा के दिन अवकाश का ऐलान किया है, ताकि सभी लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकें। ध्यान दें, हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है, जहां मुख्यमंत्री की कमान फिलहाल सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथों में है। सुक्खू ने बीते दिनों राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भी जाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भगवान राम सब के हैं। वहीं, सुक्खू सरकार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर प्रदेशवासियों से दिए जलाने का भी आग्रह किया है।


बता दें कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब इंडिया गठबंधन राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र को ठुकरा चुकी है। इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व सियासी मुनाफा अर्जित करने के मकसद से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है, जबकि यह एक धार्मिक कार्यक्रम है। वहीं, बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की अगुवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि अगर कोई राम मंदिर कार्यक्रम में जाना चाहता है, तो वो जा सकता है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर आप यह जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल ना होने का फैसला क्यों किया है, तो इसके पीछे की वजह बीजेपी है। दरअसल, बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है। जिसे ध्यान में रखते हुए हमने उक्त फैसला किया है।

ध्यान दें, जब मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी को न्योता भेजा गया था, तभी इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि कांग्रेस ने अपनी तुष्टीकरण की राजनीति को साधने के मकसद से इस कार्यक्रम में ना जाने का ही फैसला किया था। वहीं, कुछ लोगों का दावा है कि अभी राम मंदिर बनकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपने सियासी मकसद को साधने के मकसद अभी ही इसका उद्घाटन कर रहे हैं। बहरहाल, अब सभी राम भक्तों को उस पल का इंतजार है, जब पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होगा।