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Gyanvapi Masjid: राम मंदिर के तर्ज पर ज्ञानवापी मसले पर भी आंदोलन की तैयारी, मंदिर का मॉडल लेकर घर-घर जाएगा हिंदू पक्ष

हर हिंदू तक ज्ञानवापी मस्जिद का मसला ले जाने के लिए हिंदू पक्ष ने भारत पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसर जेम्स प्रिंसेप के बनाए नक्शे को लिया है। इस नक्शे में जेम्स प्रिंसेप ने दिखाया था कि वाराणसी में जहां ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां पहले आदि विश्वेश्वर और अन्य देवताओं के मंदिर किस तरह बने हुए थे।

वाराणसी। राम मंदिर आंदोलन की तरह अब वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले को भी घर-घर तक ले जाने की तैयारी हो रही है। हिंदू पक्ष के लोग इस मसले को यूपी में हर हिंदू के घर तक ले जाने की कोशिश में जुटे है। हिंदू पक्ष ज्ञानवापी के मुद्दे को ठीक वही आकार देना चाहता है, जैसा विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बीजेपी ने राम मंदिर आंदोलन को दिया था। हर हिंदू के घर तक पहुंचकर बताया जाएगा कि जिस जगह ज्ञानवापी है, वहां पहले आदि विश्वेश्वर का मंदिर था। ये मंदिर कैसा था, हिंदू पक्ष की तरफ से इसका भी मॉडल तैयार कराया गया है। अब इस मामले में हिंदू पक्ष 30 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत करने वाला है।

adi vishveshwar temple model 2
हिंदू पक्ष ने आदि विश्वेश्वर के मंदिर का ये मॉडल बनवाया है। पीछे दीवार पर जेम्स प्रिंसेप का बनाया नक्शा लगा है।

हर हिंदू तक ज्ञानवापी मस्जिद का मसला ले जाने के लिए हिंदू पक्ष ने भारत पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी के अफसर जेम्स प्रिंसेप के बनाए नक्शे को लिया है। इस नक्शे में जेम्स प्रिंसेप ने दिखाया था कि वाराणसी में जहां ज्ञानवापी मस्जिद है, वहां पहले आदि विश्वेश्वर और अन्य देवताओं के मंदिर किस तरह बने हुए थे। हिंदू पक्ष ने इसी नक्शे के आधार पर प्राचीन आदि विश्वेश्वर के मंदिर का मॉडल तैयार कराया है। इस मॉडल को हर हिंदू के घर तक ले जाया जाएगा। इस बारे में हिंदू पक्ष की एक बैठक भी हुई है। हिंदू पक्ष का दावा है कि पहले मंदिर था और इसे गिराकर मस्जिद बनाई गई।

map by james princep
अंग्रेज अधिकारी जेम्स प्रिंसेप का बनाया आदि विश्वेश्वर मंदिर का नक्शा।

आदि विश्वेश्वर का मंदिर ध्वस्त कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाने का आरोप मुगल बादशाह औरंगजेब पर हिंदू पक्ष लगाता है। हिंदू पक्ष का दावा है कि साल 1669 में औरंगजेब के आदेश पर आदि विश्वेश्वर और बिंदु माधव समेत वाराणसी के तमाम मंदिरों को ध्वस्त किया गया। आदि विश्वेश्वर और बिंदु माधव मंदिरों की जगह मस्जिदें बनाए जाने का आरोप हिंदू पक्ष लगाता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और वाराणसी के जिला जज के यहां तमाम मुकदमे 1991 से ही चल रहे हैं।