
नई दिल्ली। जिस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल की दुर्गति करने का राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर आरोप लगाया था, वो दुनिया की टॉप 15 वैल्यू वाली कंपनी में शामिल हो गई है। मार्केट कैप के हिसाब से एचएएल दुनिया की टॉप रक्षा उत्पाद निर्माता कंपनियों में 11वें स्थान पर है। एचएएल का मार्केट कैप 39.02 अरब डॉलर आंका गया है। भारत की ही एक और रक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड यानी बीईएल इस लिस्ट में 13वें स्थान पर है। एचएएल जहां लड़ाकू और नागरिक विमान और उसके इंजन बनाती है। वहीं, बीईएल लड़ाकू विमानों के लिए तमाम तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का निर्माण करती है।
राहुल गांधी ने जनवरी 2019 में आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने अपने सूट-बूट वाले कारोबारी दोस्त की मदद के लिए एचएएल को कमजोर किया है। दरअसल, राहुल गांधी ने ये आरोप मीडिया में आई उस खबर के बाद लगाया था कि एचएएल वित्तीय संकट में है और उसे कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए रकम उधार लेनी पड़ी है। राहुल गांधी ने तब कहा था कि राफेल को एचएएल से छीन लिया गया है और इस काम को पूरा करने के लिए सूट-बूट वाले दोस्त को एचएएल के कर्मचारियों की जरूरत है। उन्होंने पीएम मोदी पर ये कहते हुए आरोप लगाया था कि चौकीदार अपनी दोस्ती निभा रहा है। उसे देश के भले-बुरे से कोई लेना देना नहीं है।
राहुल गांधी ने ये आरोप लगाने के साथ ही एचएएल के कर्मचारियों के साथ मुलाकात भी की थी। दरअसल, भारतीय वायुसेना के लिए जब फ्रांस से राफेल विमान खरीदे गए, तो मोदी सरकार ने ये शर्त रखी कि ये विमान बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारतीय कंपनियों को बदले में कुछ सामान सप्लाई करने का ठेका यानी ऑफसेट देगी। जिसके बाद अनिल अंबानी की कंपनी समेत कई और फर्मों को डसॉल्ट ने ठेका दिया था। उसी को राहुल गांधी ने मुद्दा बना लिया था, लेकिन एचएएल की लगातार तरक्की होती गई और अब वो दुनिया के टॉप 15 रक्षा उत्पाद निर्माता कंपनियों में शामिल हो चुकी है। अगर एचएएल के शेयरों की कीमत देखें, तो ये 5000 रुपए के करीब है। इससे पता चलता है कि निवेशक भी एचएएल पर भरोसा करते हैं।