नई दिल्ली। नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सलियों के सफाए को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने सख्ती करनी शुरू कर दी है। अमित शाह ने ऐसे राज्य जो नक्सल से अधिक प्रभावित हैं, उनमें नक्सलियों के सफाए को लेकर अगली गर्मी तक का लक्ष्य दिया है। आपको बता दें कि नक्सलवाद (Naxalism) की समस्या से निपटने के लिए गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) अभी जो अभियान चल रहा है, उससे नाखुश हैं। उनका मानना है कि इस अभियान में अभी और तेजी लानी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके इस समस्या से निजात पा लेना चाहिए। बता दें कि इसको लेकर बीते महीने हुई इस मीटिंग में अधिकारियों से उन बलों की जानकारी भी मांगी है, जो नक्सलवादियों के ठिकानों को खत्म नहीं कर पा रहे हैं। इस समीक्षा मीटिंग में गृह मंत्री के अलावा सेंट्रल पैरा मिलिट्री बल, सेंट्रल आईबी और पांच राज्यों के सरकारी अधिकारी शामिल हुए थे।
इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि कहां, कब और क्यों परेशानी आ रही है। गोपनियता की शर्त पर एक सीआरपीएफ (CRPF) के अधिकारी ने बताया है कि बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में अगली गर्मियों तक माओवादियों के मजबूत ठिकानों को खत्म करने का लक्ष्य दिया गया है। खास बात है कि इसी तरह का दावा सीपीआई माओवादी (Maoist) के साउथ सब जोनल ब्यूरो ने भी किया था।
अब नक्सलवाद पर नकेल कसने के लिए इसका सफाया करने के लिए ऑपरेशन बनाया जा रहा है। बता दें कि शाह की समीक्षा मीटिंग के तुरंत बाद सीपीआई माओवादी के साउथ सब जोनल ब्यूरो ने 2 नवंबर को एक बयान जारी किया था। इस बयान में दावा किया गया था कि छत्तीसगढ़ में नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच प्रहार-3 (Prahar-3) नाम से एक ऑपरेशन की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, सलाहकार के विजय कुमार ने ऑपरेशन या इसका समय बताने से मना कर दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह ने ऐसे राज्यों की मदद करने के लिए समीक्षा की है, जो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। कौन से राज्य पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं, राज्यों की आगे कैसे मदद की जा सकती है। इस तरह के मुद्दों पर चर्चा हुई।’ फिलहाल अभी जिस राज्य में सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है, उसमें अधिकारियों ने मुताबिक छत्तीसगढ़ का नाम सबसे पहले है। इसके अलावा गृहमंत्री ने राज्य और केंद्र की पुलिस के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए कहा है।