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Amritpal Singh: अगर विदेश भाग गया खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल, तो कैसे गिरफ्त में आएगा? ये हैं विकल्प

Amritpal Singh: प्रत्यर्पण का मतलब होता है लौटाना। किसी देश द्वारा किसी अपराधी को उसके मूल देश लौटाने की प्रक्रिया को ही प्रत्यार्पण कहा जाता है। इसके लिए विभिन्न देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि की जाती है। बता दें कि वर्तमान में भारत की 48 देश प्रत्यर्पण संधि है, जिसमें अधिकांश यूरोपीय देश शामिल हैं।

नई दिल्ली। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है, लेकिन वो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। पलक झपकते ही उसे पुलिस के हर कदम के बारे में जानकारी मिल जा रही है। अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर उसे कौन पुलिस की हर गतिविधियों के बारे में जानकारी दे रहा है। यह जांच का विषय है। उधर, अमृतपाल के पिता ने मीडिया के सामने आकर अपने बेटे से पुलिस को सरेंडर करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि कहीं उनके बेटे का एनकाउंटर ना हो जाए। पुलिस जगह-जगह नाकेबंदी कर चुकी है। सभी संवेदनशील जगहों पर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। ऐसे में उसके लिए पुलिस की गिरफ्त से बच निकलना मुश्किल है, लेकिन सवाल यह है कि उसे पुलिस के हर कदम के बारे में जानकारी कैसे मिल जा रही है? वहीं, आज उसके खिलाफ एनएसएस भी लगा दिया गया और गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया गया है।

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इस बीच उसके कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें वो गाड़ियां बदलता हुआ नजर आ रहा है। इससे पहले पंजाब पुलिस ने उसकी कुछ तस्वीरें सार्वजनिक की थीं, जिसमें उसका हुलिया बदला हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, अब तक उसके 100 से भी ज्यादा समर्थकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अमृतपाल लगातार खालिस्तानी की मांग कर रहा है। उसका दो टूक कहना है कि अगर हिंदू अपने हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकता है और मुस्लिम गजवा ए हिंद, तो सिख अपने लिए खालिस्तानी की मांग क्यों नहीं कर सकता? बता दें कि अमृतपाल वारिस पंजाब दे का मुखिया है। इससे पहले इस संगठन की कमान दीप सिद्धू के हाथों में थी, लेकिन कार दुर्घटना में दीप सिद्धू की मौत के बाद इस संगठन की कमान अमृतपाल को सौंप दी गई, जिसके बाद उसने खालिस्तानी आंदोलन को तेज कर दिया। उस पर पंजाब के युवाओं को गुमराह करने का भी आरोप है।

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फिलहाल, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में अमृतपाल प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को दी जा सकती है, लेकिन सवाल यह है कि इस वक्त वो कहां पर है? पंजाब या पंजाब से बाहर। या फिर भारत के बाहर भगाने की प्लानिंग तो नहीं कर है अमृतपाल। अगर ऐसा हुआ, तो यकीन मानिए भारत की राह मुश्किल हो जाएगी, क्योंकि इससे पहले कई भगोड़े अपराधी विदेश फरार हो चके हैं और विदेश फरार होने के बाद किसी को पकड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। वहीं, अगर अमृतपाल पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों का रुख करता है, तो यकीनन पुलिस की राह मुश्किल हो जाएगी, क्योंकि आजादी के सात दशकों के बाद भी पडोसी देशों के बाद भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। अब आपके जेहन में यब सवाल आ सकता है कि आखिर यह प्रत्यर्पण संधि क्या होता है?

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प्रत्यर्पण का मतलब होता है लौटाना। किसी देश द्वारा किसी अपराधी को उसके मूल देश लौटाने की प्रक्रिया को ही प्रत्यार्पण कहा जाता है। इसके लिए विभिन्न देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि की जाती है। बता दें कि वर्तमान में भारत का 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है, जिसमें अधिकांश यूरोपीय देश शामिल हैं। ऐसे में अगर अमृतपाल यूरोपीय देशों का रुख करता है, तो भारत के लिए उसे गिरफ्तार करना आसान होगा। वहीं, 12 देशों के साथ भारत का एक्स्ट्राडिशन अरेंजमेंट है। उधर, कई पड़ोसी देशों के साथ भारत का प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ऐसे में अगर अमृतपाल पड़ोसी देशों का रुख करता है, तो भारत के लिए उसे गिरफ्तार करना मुश्किल हो सकता है। गौरतलब है कि अमृतपाल के खिलाफ 6 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

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उधर, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में खालिस्तानी तत्व लगातार मजबूत होते जा रहे हैं, जिससे इस बात की संभावना प्रबल है कि वो इन देशों की शरण ले सकता है। जिसे देखते हुए सीएम मान लगातार केंद्रीय गृह मंत्रालय के संपर्क में बने हुए हैं। वहीं बीते दिनों अमृतपाल के 6 साथियों में से चार साथियों को जिस तरह से असम के डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था, उससे स्पष्ट है कि केंद्र और पंजाब सरकार मिलकर इस पूरे अभियान को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब की मान सरकार को जमकर फटकार लगाई और यह भी सवाल किया कि जब प्रदेश में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, तो अभी तक अमृतपाल पुलिस की गिरफ्त से दूर क्यों?

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वहीं, पंजाब पुलिस ने आज कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अमृतपाल प्रकरण पर सारी जानकारी दी। लेकिन, आपको बता दें कि कोर्ट के फटकार का पंजाब सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा। सुनवाई खत्म होने के बाद सीएम मान ने प्रेस कांफ्रेंस कर उक्त मामले में अपनी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र कर अपनी पीठ थपथपाई और इस काम में उनका भरपूर साथ दिया दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने, लेकिन पूरे मामले को लेकर मान सरकार विपक्षियों के निशाने पर बने हुए हैं। उनसे लगातार सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर जिस तरह अमृतपाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मिलकर अपने साथी लववी सिंह तूफान को पुलिस की सलाखों से छुड़ाया था, उसे उसी दिन क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया? बहरहाल, सवाल बेशुमार हैं, लेकिन देखना यह होगा कि आगामी दिनों में अमृतपाल के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है?