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Bribe For Vote: रिश्वत लेकर वोट या भाषण देने वाले सांसदों और विधायकों पर चलेगा केस, सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

Bribe For Vote: झारखंड की विधायक सीता सोरेन पर साल 2012 में राज्यसभा चुनाव के दौरान रिश्वत लेकर वोट देने का आरोप लगा था। सीता सोरेन ने अपने बचाव में कहा था कि उनको सदन में कुछ भी कहने या किसी को वोट देने का अधिकार है और इसका विशेषाधिकार संविधान के तहत हासिल है।

नई दिल्ली। वोट या भाषण के बदले रिश्वत के मामले में सांसदों और विधायकों को मुकदमे से राहत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस छूट पर असहमति जताते हुए 1998 में दिए अपने पुराने फैसले को पलट दिया है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में संविधान पीठ के जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एएमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा ने ये फैसला सुनाया।

सात जजों की संविधान पीठ ने 1998 में झारखंड मुक्ति मोर्चा रिश्वत मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर 5 अक्टूबर 2023 को फैसला सुरक्षित कर लिया था। केंद्र सरकार ने कोर्ट में वोट के बदले रिश्वत मामले में विशेषाधिकार का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि कभी भी मुकदमे से छूट का विषय रिश्वत लेना नहीं हो सकता। केंद्र का कहना था कि संसदीय विशेषाधिकार का अर्थ किसी सांसद या विधायक को कानून से ऊपर रखना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान संसद या विधानसभा में अपमानजक बयानबाजी को भी अपराध मानने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। ताकि ऐसा करने वालों पर आपराधिक मुकदमा चलाया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बयानबाजी को अपराध मानने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सदन के भीतर कुछ बोलने पर सांसदों और विधायकों पर कार्रवाई नहीं हो सकती। कोर्ट के मुताबिक सदन में माननीयों को बोलने की पूरी आजादी है। बता दें कि झारखंड की विधायक सीता सोरेन पर साल 2012 में राज्यसभा चुनाव के दौरान रिश्वत लेकर वोट देने का आरोप लगा था। सीता सोरेन ने अपने बचाव में कहा था कि उनको सदन में कुछ भी कहने या किसी को वोट देने का अधिकार है और इसका विशेषाधिकार संविधान के तहत हासिल है। ऐसे में उनपर केस नहीं चलाया जा सकता। सीता सोरेन ने खुद के खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने की अपील की थी। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीता सोरेन को जोर का झटका लगा है।