
नई दिल्ली। दिग्गज राजनेता शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच एक गुप्त बैठक से महाराष्ट्र में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान अजित पवार ने शरद पवार को मनाने की कोशिश की, लेकिन आपसी सहमति नहीं बन पाई। कथित तौर पर, अजीत पवार ने शरद पवार को एक साथ आने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन वरिष्ठ नेता अपने रुख पर अड़े रहे। जब शरद पवार ने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, तो अजीत पवार ने उल्लेख किया कि उनकी पार्टी के कुछ विधायक उनके साथ शामिल होने के इच्छुक हैं, और उन्होंने उन्हें शामिल होने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
सूत्र बताते हैं कि शरद पवार ने जवाब देते हुए कहा कि जो लोग जाना चाहते हैं वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन वह खुद इस तरह के कदम का हिस्सा नहीं बनेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान अजित पवार ने एक बार फिर शरद पवार को निमंत्रण देते हुए पार्टी में उनकी मौजूदगी की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी के सभी विधायक शरद पवार की भागीदारी और आशीर्वाद चाहते हैं। इसके अलावा, अजीत पवार ने बताया कि वरिष्ठ पवार के खेमे के कुछ विधायक भी सरकार में शामिल होने के इच्छुक हैं। उन्होंने शरद पवार से भी उनके लिए आशीर्वाद का अनुरोध किया।
इस बैठक का नतीजा अनिश्चित बना हुआ है, जिससे राजनीतिक जानकार महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलावों के बारे में चिंतित हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चाचा भतीजे के बीच किस तरह के संबंध अजित पवार के पलटी मारने के बाद हैं। शरद पवार उसे तरीके से अजीत पवार से नाराज नहीं दिखाई दे रहे जैसे इस बड़ी बगावत के बाद उनको दिखाई देना चाहिए था। कई राजनीतिक जानकार तो यह भी कहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के शामिल होने का फैसला शरद पवार के कहने पर ही लिया गया है।