वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे आज भी जारी रहेगा। एएसआई की 40 से ज्यादा पुरातत्ववेत्ताओं की टीम ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कर रही है। इनके साथ आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ भी हैं। सूत्रों के मुताबिक रविवार को सर्वे के दौरान एएसआई की टीम को गुंबदों में कई डिजाइन मिलीं। इसके अलावा दीवार में 20 से ज्यादा आले यानी ताखे भी मिलने का दावा सूत्रों ने किया है। ये आले वैसे ही हैं, जैसे आमतौर पर मंदिरों की दीवारों में देखे जाते हैं। इन आलों और डिजाइन की एएसआई टीम ने थ्री-डी मैपिंग की है। सभी जगह फोटो लिए जा रहे हैं और वीडियोग्राफी भी की जा रही है। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने सर्वे को पूरा करने के लिए एएसआई को 2 सितंबर तक का वक्त दिया है।
ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के वकीलों समेत 8 और मुस्लिम पक्ष के वकील समेत 3 लोग मौजूद रह रहे हैं। आज सर्वे का काम 1 घंटे देरी से शुरू होगा। एएसआई की टीम दोपहर तक सर्वे करती है और फिर लंच के बाद एक बार फिर शाम 5 बजे तक सर्वे का काम होता है। एएसआई टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद को 4 हिस्सों में बांटकर सर्वे का काम चला रखा है। अब तक मस्जिद के हॉल, पश्चिमी दीवार और व्यास जी के तहखाने का सर्वे हुआ है। हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि इस सर्वे में प्राचीन मंदिर के काफी सबूत मिले हैं, लेकिन एएसआई की तरफ से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।
इस बीच, मुस्लिम पक्ष ने धमकी दी है कि सर्वे के बारे में अगर कोई अफवाह फैलाई गई कि वहां मंदिर के प्रतीक मिले, तो वो सर्वे का बहिष्कार करेंगे। ज्ञानवापी मस्जिद में अब तक क्या मिला, इस बारे में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने भी मीडिया से कुछ नहीं कहा है। हालांकि, उन्होंने ये जरूर उम्मीद जताई कि हिंदुओं के पक्ष में ही फैसला होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया है कि वो बिना खोदाई या तोड़फोड़ किए ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करे।
सर्वे के दायरे से वजूखाने को बाहर रखा गया है। वजूखाने में हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है, जबकि उस आकृति को मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा बताया है। इस विवाद के कारण सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था।