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भारत-चीन सीमा विवाद पर हुई बैठक में जानिए क्या हुआ? सरकार ने दिया बड़ा बयान

इस बातचीत में भारत ने दो टूक कहा है कि अप्रैल 2020 की स्थिति सीमा पर कायम हो। वार्ता के दौरान भारत ने चीनी सेना से पीछे हटने को भी कहा है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के मसले पर भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि, दोनों देश इस मामले का शांति से हल निकालने पर सहमत हुए हैं। बता दें कि 6 जून 2020 को चुशुल-मोल्दो क्षेत्र में ये बैठक हुई थी।

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सरकार ने ये भी कहा कि, सीमावर्ती क्षेत्रों में ​स्थिति का हल निकालने और शांति सुनिश्चित करने और लिए दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक तौर पर जुड़े रहेंगे।विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक हल निकालने के लिए सहमत हुए हैं। यह फैसला विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की यह बैठक सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में हुई जोकि करीब साढ़े पांच घंटे चली। इसमें दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति से हल करने के लिए सहमत हुए। बैठक मोल्डो में हुई जो टकराव की जगह से 20 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां बैठक हुई वो जगह चुशूल से विपरित चीनी नियंत्रण के इलाके मोल्डो में स्थित है। भारत और चीन के बीच मौजूदा विवाद को निपटाने के लिए दोनों देशों के बीच कॉर्प कमांडर स्तर पर यह बैठक बुलाई गई थी। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने सीमा पर जारी तनाव को लेकर बातचीत की।

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सूत्रों ने बताया था कि दोनों पक्षों ने अपनी मांग एक दूसरे के सामने रखी है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत सकारात्मक माहौल में खत्म हुई है। इससे आगे बातचीत का रास्ता खुला हुआ है। भारत की मांग है कि चीन एलएसी के पास के इलाकों से अपनी सेना के साथ पीछे हटे। चीन सीमा पर तैनात हथियारबंद और बख्तरबंद गाड़ियों को पीछे ले जाए। भारतीय सेना पैंगोंग त्सो पर जारी विवाद को खत्म करने के लिए चीन पर दबाव बनाएगी।

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इस बातचीत में भारत ने दो टूक कहा है कि अप्रैल 2020 की स्थिति सीमा पर कायम हो। वार्ता के दौरान भारत ने चीनी सेना से पीछे हटने को भी कहा है। वहीं, सीमा पर सड़क निर्माण रोकने की चीन की मांग को भी भारत ने खारिज कर दिया है। भारतीय पक्ष की ओर से बातचीत का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था।