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LAC Controversy : सेला टनल के उद्घाटन से बिलबिलाए चीन को भारत ने दिया दो टूक जवाब

LAC Controversy : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा आपत्ति जताने के बाद भारत ने कहा-अरुणाचल प्रदेश हमेशा से ही भारत का अभिन्न हिस्सा है और भविष्य में भी रहेगा।

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई सेला टनल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने से चीन एक बार फिर बिलबिला गया है। चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा है, भारत के इस प्रकार के कदम एलएसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं। वहीं चीन के बयान पर भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाते हुए पलटवार किया गया है। भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से ही भारत का अभिन्न हिस्सा है, और भविष्य में भी रहेगा।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और सदैव रहेगा। भारतीय नेताओं द्वारा अरुणाचल प्रदेश के दौरों या राज्य में विकास परियोजनाओं पर आपत्ति जताने का कोई औचित्य नहीं है।

उधर, पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगभग चार साल से जारी सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि इस अवधि के दौरान तनाव से दोनों देशों में से किसी को भी कुछ हासिल नहीं हुआ। जयशंकर ने कहा कि भारत निष्पक्ष और उचित समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह ऐसा समाधान होना चाहिए, जो समझौतों का सम्मान करता हो और वास्तविक नियंत्रण रेखा को मान्यता देता हो। उन्होंने एक कार्यक्रम में परिचर्चा के दौरान कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए, लेकिन आतंकवाद का मुद्दा ईमानदारी से बातचीत के केंद्र में होना चाहिए।

इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक प्रेस कांफ्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर आपत्ति जताई थी। वांग ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। चीन ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी और वह इसका दृढ़ता से विरोध करता है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के बैसाखी में सेला टनल का उद्घाटन किया था। यह 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है। चीन सीमा से लगी इस टनल की लंबाई 1.5 किलोमीटर है। टनल चीन बॉर्डर से लगे तवांग को हर मौसम में रोड कनेक्टिविटी देगी। एलएसी के करीब होने के कारण यह टनल सेना के मूवमेंट को खराब मौसम में भी बेहतर बनाएगी।