newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Farooq Abdullah: ‘ईमानदारी से भारत-पाक करें बात, साफ हों दिल, युद्ध कोई हल नहीं’..फ़ारुख अब्दुल्ला की केंद्र सरकार को सलाह

Farooq Abdullah: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा, “जब तक दोनों देश ईमानदारी से कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझाते, तब तक ये सभी गतिविधियां सिर्फ दिखावे के लिए हैं। यह तमाशा तब तक जारी रहेगा जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत नदारद रहेगी।

नई दिल्ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस अब्दुल्ला ने शनिवार (12 अगस्त) को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पर्यटन को बढ़ावा देना और रैलियां आयोजित करना महज दिखावा है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक भारत और पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर ईमानदारी से बातचीत नहीं करते। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सार्थक चर्चा के लिए दोनों देशों के इरादे सच्चे होने चाहिए।जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या सीमा पर्यटन में वृद्धि और पूरी घाटी में तिरंगा रैलियों के आयोजन से कश्मीर में स्थिति में बदलाव का संकेत मिलता है, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह सब एक दिखावा था। अब्दुल्ला ने कहा, “भारत और पाकिस्तान को अच्छे इरादों के साथ बातचीत करनी चाहिए, क्योंकि विवादों से मुद्दे नहीं सुलझते।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा, “जब तक दोनों देश ईमानदारी से कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझाते, तब तक ये सभी गतिविधियां सिर्फ दिखावे के लिए हैं। यह तमाशा तब तक जारी रहेगा जब तक दोनों देशों के बीच बातचीत नदारद रहेगी।” फारूक अब्दुल्ला के बयान लंबे समय से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच ठोस बातचीत की जरूरत को दिखाते हैं। 

गौर करने वाली बात यह है कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते एक लंबे समय से खराब चल रहे हैं। लिहाजा पड़ोसी मुल्क के साथ संबंध बेहतर करने को लेकर जम्मू-कश्मीर के सभी नेता पाकिस्तान के साथ बातचीत का रवैया अपनाने की वकालत करते आए हैं। फारूक अब्दुल्ला का बयान इसी तरफ इशारा करता है कि हमें पाकिस्तान के साथ में जरूरी व्यापार, सामरिक रिश्तों में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।