नई दिल्ली। भारत के आंतरिक मामलों में यूरोपीय देश आए दिन टांग अड़ाते हैं। इस बार भी ऐसा हुआ है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले पर जर्मनी ने प्रतिक्रिया दी थी। जर्मनी की इसी प्रतिक्रिया पर भारत ने नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है। जर्मनी की तरफ से अरविंद केजरीवाल के मसले पर प्रतिक्रिया के नतीजे में भारत स्थित जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एंजवेलर को विदेश मंत्रालय ने शनिवार को तलब किया। विदेश मंत्रालय में जर्मनी के राजनयिक को सुबह 11.25 बजे बुलाया गया था। जॉर्ज एंजवेलर विदेश मंत्रालय पहुंचे और महज 5 मिनट में ही भारत की नाराजगी की वजह बताकर वहां से रुख्सत कर दिए गए।
The German Deputy Chief of Mission in New Delhi was summoned today and conveyed India’s strong protest on their Foreign Office Spokesperson’s comments on our internal affairs. We see such remarks as interfering in our judicial process and undermining the independence of our… pic.twitter.com/GaBWmFdWoP
— ANI (@ANI) March 23, 2024
जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय में जर्मनी के राजनयिक को बुलाकर उनसे भारत सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि आंतरिक मसलों पर उसकी टिप्पणी ठीक नहीं है। जर्मनी की सरकार से भारत सरकार ने नाराजगी जताई है और इस तरह की टिप्पणियां न करने के लिए कहा है। जर्मन राजनयिक जब विदेश मंत्रालय से निकले, तो उनकी भाव-भंगिमा बता रही थी कि किस तरह भारत सरकार से उनको खरी-खोटी सुनने को मिली है।
India lodged a strong protest with the German side on their comments on the internal events in India https://t.co/hC8sY5vlrp
— ANI (@ANI) March 23, 2024
मोदी सरकार के दौर में पहले भी कई बार विदेश मंत्रालय ने अन्य देशों की तरफ से भारत के मामलों में टांग अड़ाने पर अन्य देशों के राजनयिकों को तलब कर अपनी नाराजगी जताई थी। बीते दिनों जब मालदीव के कुछ मंत्रियों ने भारत विरोधी बयान दिए थे, उस वक्त भी विदेश मंत्रालय ने वहां के राजदूत को बुलाकर साफ तौर पर कहा था कि इस तरह की हरकतें किसी भी सूरत में मान्य नहीं हो सकतीं। कनाडा के उच्चायुक्त को भी तलब कर फटकार लगाई गई थी। इस बार टांग अड़ाने पर जर्मनी के राजनयिक को बुलाकर भी मोदी सरकार ने साफ तौर पर अपनी बात रख दी है।