
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन के सैनिकों से भारत के वीर जवानों की जमकर मारपीट हुई। हमारे जवानों ने दुश्मन को खदेड़ दिया। इसके बाद खबरें आईं कि चीन एलएसी के पास बड़ी तादाद में हथियार और जवान इकट्ठा कर रहा है। इसके साथ ही युद्ध का अंदेशा भी मंडराने लगा। भारत ने ऐसे में पूरे पूर्वोत्तर में वायुसेना का युद्धाभ्यास किया। 5500 किलोमीटर दूरी तक अग्नि-5 मिसाइल भी दागी। अब खबर ये है कि चीन की तरफ से किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए भारत अब इजरायली मिसाइल लेने वाला है। इस मिसाइल के जरिए चीन की सेना और उसके हथियारों को नेस्तनाबूद किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक इजरायल से ‘रैम्पेज’ नाम की मिसाइल खरीदने की तैयारी है। रैम्पेज का मतलब तबाही होता है। इस मिसाइल के बारे में सूत्रों ने बताया कि इसे सुखोई विमानों के जरिए दागा जा सकेगा। 250 किलोमीटर तक रैमपेज मार करती है। ये मिसाइल दागो और भूल जाओ की श्रेणी में है। ये कितनी अचूक है, ये इसी से पता चलता है कि लक्ष्य के 10 मीटर के दायरे में ये जाकर गिरती है। सुपरसोनिक रैम्पेज को रडार से दुश्मन जाम भी नहीं कर सकता। इस मिसाइल से 550 मीटर का इलाका पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है।
रैम्पेज मिसाइल की तैनाती तेजी से की जाने वाली है। रैम्पेज की खासियत ये भी है कि इसमें कैमरा लगा होता है। जिससे साफ पता किया जा सकता है कि मिसाइल अपने लक्ष्य को तबाह कर रही है या नहीं। इसके अलावा कई और हथियार भी विमानों में लगाए जाने हैं। साथ ही एलएसी पर पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक जवानों की बड़ी तादाद तो तैनात की ही गई है। अत्याधुनिक हथियार भी करीब रखे गए हैं। जिनको किसी भी आकस्मिक स्थिति में एलएसी तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।