
नई दिल्ली। भारतीय मेडिकल संघ (आईएमए) ने चीन, जापान, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना के BF.7 वैरिएंट की वजह से मरीजों और मौतों की तादाद लगातार बढ़ने पर चिंता जताई है। आईएमए ने भारत में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए मोदी सरकार को सलाह दी है। आईएमए के प्रतिनिधियों ने ये सलाह सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ बैठक के दौरान दी। आईएमए ने सलाह दी है कि लोगों को दूसरा बूस्टर देने की जरूरत है। जिन देशों में अभी कोरोना से हाहाकार मचा है, वहां लोगों को एक बूस्टर डोज भी लगी है। फिर भी हालात काफी खराब हैं। ऐसे में आईएमए ने सरकार को पहले से तैयारी रखने के लिए कहा है।
खबरों के मुताबिक आईएमए के साथ बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने देश में कोरोना की हालत की समीक्षा की। अब तक देश में कोरोना के 2 टीके ज्यादातर लोगों को लग गए हैं, लेकिन बूस्टर डोज लेने वाले लोगों की तादाद काफी कम है। मोदी सरकार ने ऐसे सभी लोगों, खासकर बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को तुरंत कोरोना का बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है। आईएमए के डॉक्टरों ने सरकार से ये भी कहा कि कोविड के मरीजों, सांस और फ्लू के मरीजों पर खासकर ध्यान रखा जाए। इसके अलावा कई और सुझाव भी आईएमए की तरफ से मोदी सरकार को दिए गए हैं।
आईएमए ने सरकार से ये भी कहा कि देश में भय का माहौल न बनने दिया जाए। लोगों को सही आंकड़े बताए जाएं। ताकि सूचना की महामारी न फैले और लोग परेशान न हों। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष जेए जयलाल ने कहा कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी बूस्टर डोज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने काफी पहले बूस्टर डोज ली भी है, उनकी भी इससे बनी इम्युनिटी अब कम होने की आशंका है। ज्यादा देरी से लोगों की इम्युनिटी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।