
नई दिल्ली। अपने मंत्रियों का पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में अशोभनीय बयान मालदीव के लिए भारी पड़ रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के 3 मंत्रियों ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद सोशल मीडिया में मालदीव को लेकर चल रही चर्चा के दौरान अशोभनीय बयान दिए थे। इस पर हंगामा मचने पर मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। मोदी के बारे में अशोभनीय बयान आने के बाद तमाम लोगों ने मालदीव में छुट्टियां बिताने का प्लान भी कैंसल कर दिया। ऐसे लोगों की संख्या हजारों में है। अब जानकारी ये मिल रही है कि भारतीय पर्यटकों के मामले में मालदीव को जोर का झटका लगा है। जिस भारत के 11 फीसदी से ज्यादा पर्यटक मालदीव जाते थे और साल 2022 और 2023 में सबसे ज्यादा पर्यटक यहां के थे, उनकी संख्या में बड़ी गिरावट आई है। मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या गिरकर 7.4 फीसदी रह गई है। इससे जहां भारत जहां मालदीव में पर्यटक भेजने में नंबर 1 पर था। अब वो चौथे नंबर पर आ गया है।
Exclusive | Indian Tourist Count Dips in #Maldives Since Modi’s #Lakshadweep Visit and Controversy by Maldivian Ministers
India slips to Number 4 in 2024 with 7.4 per cent share in Maldives tourist numbers after being No. 1 in 2023 & 2022@AnkurSharma__ https://t.co/8S9LNBQ6U4
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_) January 10, 2024
मालदीव के मंत्रियों के अशोभनीय बयानों के बाद वहां की सरकार ने डैमेज कंट्रोल के तहत इनके बयानों से खुद को दूर कर लिया था और फिर तीनों मंत्रियों को निलंबित भी किया था, लेकिन भारतीय पर्यटकों का गुस्सा थमा नहीं है। 20 साल में पहली बार मालदीव की जगह लक्षद्वीप को गूगल पर सर्च करने वालों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। अब लोग मोदी की तरफ से लक्षद्वीप के शानदार फोटो और वीडियो पोस्ट करने के बाद अपने देश के ही इस द्वीपसमूह में घूमने जाना चाहते हैं। लोग ये भी सर्च कर रहे हैं कि किस तरह वे लक्षद्वीप जा सकते हैं और यहां परमिट वगैरा हासिल करने का तरीका क्या है। खबर ये भी है कि भारत सरकार अब लक्षद्वीप में एक और एयरपोर्ट बनाने जा रही है। जिसे नागरिक उड़ानों के साथ ही वायुसेना के लिए भी दिया जाएगा। अभी लक्षद्वीप के अगाती में एयरपोर्ट है। दूसरा एयरपोर्ट बनने से लक्षद्वीप में पर्यटकों के पहुंचने का रास्ता और सुगम होगा।
दूसरी तरफ चीन की यात्रा पर पहुंचे मालदीव के भारत विरोधी नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु की अब तक राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात न होने की खबर भी आ रही है। खबर है कि मोहम्मद मुइज्जु अब तक चीन की प्रांतीय सरकारों के प्रतिनिधियों से ही मिल सके हैं। ऐसे प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात के दौरान मुइज्जु ने चीन के और पर्यटकों को मालदीव भेजने का आह्वान किया। अब तक चीन के कम ही पर्यटक मालदीव जाते रहे हैं। भारत जहां मालदीव में पर्यटक भेजने में नंबर 1 था। वहीं, रूस नंबर 2 पर था। ताजा हालात में मालदीव को जोर का झटका लगा है। उसकी अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान हो सकता है। मालदीव की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पर्यटन आधारित है। ऐसे में भारत के पर्यटक कम हुए, तो उसे विदेशी मुद्रा भी कम ही हासिल होगी। ऐसे में तमाम जरूरी चीजें आयात करने में भी मालदीव को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसी से मुइज्जु अब चीन से पर्यटक भेजने की गुहार लगा रहे हैं।