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Covid-19: अगर लगा है Covaxin या Covishield का टीका, तो कोरोना से नहीं है मौत की संभावना, आंकड़ों से हुआ खुलासा

Coronavirus: इन सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगी हुई थी। शोध में पता चला कि इनमें से महज 5.07 फीसदी कोरोनावायरस की चपेट में आए, लेकिन इनको वायरस का हल्का असर हुआ।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) से बचने के लिए प्रोटोकॉल यानी मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना और सैनिटाइजेशन करना बहुत जरूरी है, लेकिन सबसे जरूरी है वैक्सीन की डोज लेना। यह बात एक शोध में सामने आई है। मशहूर साइंस जर्नल ‘लैंसेट’ में छपे एक शोध से पता चला है कि वैक्सीन लगवाने वालों को अगर कोरोना हुआ भी, तो उन्हें गंभीर हालत का सामना नहीं करना पड़ा। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. राजू वैश्य और डॉ. अनुपम सिब्बल का शोध लैंसेट में छपा है। इसमें 28342 हेल्थकेयर वर्कर्स पर वैक्सीन के असर के बारे में बताया गया है। शोध के मुताबिक देश के 24 शहरों में स्थित अपोलो ग्रुप के 43 हॉस्पिटल के हेल्थकेयर वर्कर्स पर ये शोध किया गया।

CoVaxine & Covishield

इन सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीन लगी हुई थी। शोध में पता चला कि इनमें से महज 5.07 फीसदी कोरोनावायरस की चपेट में आए, लेकिन इनको वायरस का हल्का असर हुआ। इन सभी लोगों को न तो हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा और न ही किसी की मौत हुई। शोध में पता चला है कि कोवीशील्ड और को-वैक्सीन दोनों ही कोरोना वायरस के खिलाफ तगड़ी सुरक्षा देती हैं।

इस शोध के नतीजों के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले महज 0.83 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को ही कोरोना ने जकड़ा और वो भी इस साल अप्रैल के मध्य से मई तक। इसी दौरान कोरोना की दूसरी लहर ने तांडव मचा रखा था। शोध के मुताबिक वैक्सीन लेने वाले महज 0.29 फीसदी हेल्थकेयर वर्कर्स को ही हॉस्पिटल में दाखिल कराना पड़ा और इनमें से किसी की मौत नहीं हुई।

Coronavirus

नतीजा ये भी है कि 83 फीसदी को वायरस छू तक नहीं सका। तो देर मत कीजिए। जल्दी जाकर वैक्सीन लगवाइए। क्योंकि वैक्सीन ही आपको इस वैश्विक महामारी से बचा सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी भी कोरोना प्रोटोकॉल के साथ वैक्सीन लगवाने को बहुत जरूरी बता चुके हैं।