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Savitri Jindal Resign From Congress : भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने छोड़ी कांग्रेस, चुनाव से पहले राहुल गांधी की पार्टी को एक और तगड़ा झटका

Savitri Jindal Resign From Congress : सावित्री के बेटे नवीन जिंदल हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सावित्री जिंदल भी बीजेपी का दामन थाम सकती हैं। नवीन जिंदल को लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर कुरूक्षेत्र से टिकट दिया गया है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को रोजाना झटके पे झटके लग रहे हैं। अब भारत की सबसे अमीर महिला और देश के टॉप अमीरों की लिस्ट में शुमार सावित्री जिंदल ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है। सावित्री जिंदल ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन हैं। सावित्री जिंदल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मैंने विधायक के रूप में 10 साल हिसार की जनता का प्रतिनिधित्व किया और मंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश की निस्वार्थ सेवा की है। हिसार की जनता ही मेरा परिवार है और मैं अपने परिवार की सलाह पर आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन के लिए व सभी साथियों का, जिन्होंने हमेशा मुझे अपना सहयोग और मान-सम्मान दिया, उनकी सदैव आभारी रहूंगी।

सावित्री जिंदल का इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया है, जब उनके बेटे नवीन जिंदल हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सावित्री जिंदल भी बीजेपी का दामन थाम सकती हैं। नवीन जिंदल को आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से टिकट दिया गया है। ब्लूमबर्ग बिलनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं। वह देश के टॉप 5 सबसे अमीर लोगों में भी शुमार हैं। अगर दुनिया के अमीरों के बीच उनकी रैंकिंग की बात करें तो वह 56वें नंबर पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 30 अरब डॉलर यानी लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये है। सावित्री जिंदल 10 सालों तक हिसार निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रही हैं। वह हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। 2005 में एक प्लेन क्रैश में पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की मौत के बाद सावित्री ने हिसार से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2009 में उन्हें एक बार फिर से इस सीट से जीत मिली। इस दौरान उन्हें 2013 तक हरियाणा सरकार में मंत्री पद दिया गया। हालांकि, 2014 हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी।