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Akhilesh Yadav: योगी के वार से रामचरितमानस विवाद में बैकफुट पर सपा? अखिलेश यादव के इस ताजा बयान से मिल रहे संकेत

इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सपा पर तीखा हमला कर चुके हैं। योगी ने कहा था कि जिन्होंने कभी विकास का काम नहीं किया, वे इस मुद्दे को उठाकर समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। योगी के इस हमले के एक दिन बाद ही अब अखिलेश का ताजा बयान आया है।

आगरा। रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल खड़े किए थे। स्वामी प्रसाद ने इन चौपाइयों को शूद्र और महिला विरोधी बताया था। ये मुद्दा जब मौर्य ने उठाया, तो सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुप्पी साधे रखी। बाद में उन्होंने कहा कि वो शूद्र हैं। इससे विपक्षी बीजेपी और हिंदूवादी संगठन और भड़के। स्वामी प्रसाद जब रामचरितमानस के विवाद को लगातार हवा देते रहे, तो अखिलेश यादव पर आरोप लगे कि उनकी ही शह पर मौर्य इस तरह हिंदू धर्मग्रंथ का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश पर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुओं को जाति के नाम पर लड़ाने की कोशिश का आरोप भी लगा। मामले ने अब भी तूल पकड़ रखा है। शायद ऐसे में अखिलेश यादव अब बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। इसके संकेत रविवार को उनके बयान से मिले।

Akhilesh yadav

अखिलेश ने क्या कहा, ये आपको बताएंगे, लेकिन इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सपा पर तीखा हमला कर चुके हैं। योगी ने कहा था कि जिन्होंने कभी विकास का काम नहीं किया, वे इस मुद्दे को उठाकर समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। योगी के इस हमले के एक दिन बाद ही अब अखिलेश का ताजा बयान आया है। अखिलेश यादव रविवार को आगरा पहुंचे थे। वहां उन्होंने मीडिया से कई मुद्दों पर बात की। एक सवाल रामचरितमानस विवाद पर पूछा गया। इस पर अखिलेश ने कहा कि रामचरितमानस से किसी को कोई शिकायत नहीं है, लेकिन जो गलत है वो गलत है। अखिलेश ने इस मौके पर ये भी साबित करने की कोशिश की कि उनका हिंदू धर्म से कोई बैर नहीं है। अखिलेश ने इसके लिए अपनी दिनचर्या का भी मीडिया के सामने खुलासा किया। अखिलेश ने बताया कि वो रोज सुबह 1 घंटा भजन सुनते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ को तो सारे भजन याद ही होंगे। वैसे भी योगी जी को भजन सुनने का वक्त नहीं मिलता होगा।

swami prasad maurya and akhilesh yadav

अब अखिलेश यादव 9 जनवरी को यूपी के गाजीपुर में विशाल जनसभा भी करने वाले हैं। सबकी नजरें इस जनसभा पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश के साथ स्वामी प्रसाद और अन्य बड़े नेता भी गाजीपुर की जनसभा में रहेंगे। वहां भी रामचरितमानस विवाद पर अखिलेश यादव अपनी राय रख सकते हैं, लेकिन ये तय है कि पहले सपा को मुस्लिम-यादव यानी एमवाई वोटरों के जरिए सत्ता तक पहुंचने वाला माना जाता था, लेकिन अब अखिलेश और स्वामी प्रसाद रामचरितमानस वाला नया दांव चलते हुए दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पाले में करने की कोशिश में जुटे हैं।