newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

भारत की ‘सामाजिक समरसता’ को चोटिल करने के लिए पाकिस्तान में चलाया जा रहा है अभियान, वायरल ट्वीट से उजागर हुई सच्चाई

International campaign: मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं, जिसमें कुछ चुनिंदा घटनाओं को लेकर एकपक्षीय राय व्यक्त कर सामाजिक समरसता को चोटिल करने का कुप्रयास किया गया है। इन ट्वीट में सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र कर सामाजिक ताने बाने को चोटिल करने का ध्येय साफ परिलक्षित होता है।

नई दिल्ली। भारत एक शांतिप्रिय देश है। यह किसी को छेड़ता नहीं है। लेकिन जब कोई इसे छेड़ता है, तो वो उसे छोड़ता भी नहीं है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि भारतीय इतिहास में दर्ज ऐतिहासिक घटनाएं इसकी तस्दीक कर रही हैं। अगर आप इतिहास के विधार्थी हैं या कभी रहे हों, तो आप सहज ही इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं, भारत एक शांतिप्रिय देश है। सामाजिक समरसता का सहारा भारत ने अब तक अपने लोकतांत्रिक यात्रा के सात दशक पूरे कर लिए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि कभी कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा भारत की शांति भंग करने का प्रयास नहीं किया गया। कई मौकों पर ऐसी नापाक कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन भारत ने अपने सूजबूझ का सहारा लेकर इन मंसूबों को पूरा होने से पहले धराशायी कर दिया है।

अब इसी बीच एक बार फिर से भारत की शांति और सामजिक समरसता को भंग करने के लिए विश्व बिरादरी पर अंतरराष्ट्रीय कुप्रयास किए जा रहे हैं। विश्व बिरादरी में मौजूदा कुछ असामाजिक तत्वों के लोग भारत की शांति भंग करने की दिशा में दिन-रात लगे हुए हैं। इतना तो साफ हो ही चुका है कि अगर समय रहते इन लोगों के खिलाफ कदम नहीं उठाए गए, तो आगामी दिनो में हालात संजीदा हो सकते हैं। बता दें कि मौजूदा वक्त में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे ट्वीट सामने आए हैं, जिसमें कुछ चुनिंदा घटनाओं को लेकर एकपक्षीय राय व्यक्त कर सामाजिक समरसता को चोटिल करने का कुप्रयास किया गया है। इन ट्वीट में सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र कर सामाजिक ताने बाने को चोटिल करने का ध्येय साफ परिलक्षित होता है। आइए, आगे हम आपको कुछ ऐसे ट्वीट्स के बारे में दिखाते हैं।

यहां देखिए ट्वीट

तो इन ट्वीट्स को देखने के उपरांत आप यह समझ ही गए होंगे कि किस तरह से कुछ असामजिक तत्वों के द्वारा भारत की शांति को भंग करने की कोशिशें की जा रही है। अब ऐसे में लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की कवायद जारी है। अगर समय रहते ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात संजीदा हो सकते हैं।