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Gaganyaan Mission: इसरो के गगनयान मिशन पर आई बड़ी खबर, मानव को अंतरिक्ष में भेजने के लिए जरूरी इस इंजन का टेस्ट हुआ सफल

Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन को इसरो साल 2022 में ही लॉन्च करने वाला था, लेकिन कोरोना और अन्य तकनीकी जटिलताओं की वजह से इसमें देरी हो गई। गगनयान का बीते साल हेलीकॉप्टर से ड्रॉप टेस्ट हो चुका है। ऐसे ही और टेस्ट अभी होने हैं। अगले साल गगनयान को भेजा जाना है।

बेंगलुरु। भारत के गगनयान मिशन के लिए इसरो को बड़ी कामयाबी मिली है। गगनयान मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाले सी-20 क्रायोजेनिक इंजन को टेस्ट में सफल पाया गया है। अब इस इंजन का इस्तेमाल अगले साल यानी 2025 में लॉन्च होने वाले गगनयान मिशन में किया जाएगा। धरती पर 7 चरणों के टेस्ट में सी-20 क्रायोजेनिक इंजन को सफलता मिली है। गगनयान मिशन के तहत भारत अपना अंतरिक्ष यात्री भेजेगा। इस अभियान में भारत सफल रहा, तो अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला वो चौथा देश हो जाएगा। इससे पहले अब तक रूस, अमेरिका और चीन ने ही अंतरिक्ष में मानव को भेजा है। अंतरिक्ष में यूरी गागरिन को भेजकर रूस ऐसा करने वाला पहला देश बना था।

गगनयान मिशन को इसरो साल 2022 में ही लॉन्च करने वाला था, लेकिन कोरोना और अन्य तकनीकी जटिलताओं की वजह से इसमें देरी हो गई। गगनयान का बीते साल हेलीकॉप्टर से ड्रॉप टेस्ट हो चुका है। ऐसे ही और टेस्ट अभी होने हैं। इसके अलावा इसकी सुरक्षा से जुड़े टेस्ट पूरे करने के बाद पहले एक रोबॉट को इसरो गगनयान से अंतरिक्ष में भेजेगा। उस दौरान देखा जाएगा कि यान ठीक से काम कर रहा है या नहीं। इसके बाद मानव को अंतरिक्ष में भेजने का काम इसरो करेगा। जानकारी के मुताबिक गगनयान योजना के तहत रोबॉट को इसी साल अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है।

इसरो ने तमाम महत्वपूर्ण अभियान बीते 10 साल में पूरे किए हैं। एक साथ 100 से ज्यादा उपग्रहों की अंतरिक्ष में लॉन्चिंग उसके वैज्ञानिकों ने कर दिखाया था। इसके बाद बीते दिनों चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग इसरो के वैज्ञानिकों ने कराई। चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास यान उतारने वाला भारत को पहला देश भी इसरो वैज्ञानिकों ने बनाया। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि गगनयान योजना के तहत भी इसरो सफलता हासिल कर भारत का नाम दुनिया में रोशन करेगा। इसरो ने इसके अलावा अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना पर भी काम शुरू किया है। ये योजना 2030 तक पूरी होने की जानकारी है।