newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Chandrayaan 3: इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान के विक्रम लैंडर को चांद से उड़ाकर फिर उतारने का कर दिखाया करिश्मा!, देखिए Video

इसरो ने बताया है कि ये प्रयोग सफल रहा है और इससे चांद पर भविष्य में अंतरिक्ष यात्री भेजकर उनको वापस लाने में सफलता मिल सकेगी। इसरो ने ये भी बताया है कि विक्रम लैंडर के सभी यंत्र ठीक से काम कर रहे हैं। इसरो ने इससे पहले प्रज्ञान रोवर की बैटरियों को पूरी तरह चार्ज करने के बाद उसे बंद कर दिया था।

बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष संगठन इसरो के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को सफलता से उतारा था। अब इसरो के वैज्ञानिकों ने एक और कमाल कर दिखाया है। इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान के विक्रम लैंडर को चांद की सतह से उड़ाकर एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफलता हासिल की है। इसरो की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक विक्रम लैंडर को कमांड देकर चांद की सतह से कुछ ऊपर उड़ाया गया और फिर लैंडिंग कराई गई है। ऐसा कमाल अब तक सिर्फ अमेरिका कर पाया है। जिसने इंसान को चांद पर भेजने के बाद लैंडर को उड़ाकर अंतरिक्ष यात्री वापस धरती पर उतारा था।

इसरो के मुताबिक चंद्रयान के विक्रम लैंडर को अपने इंजन फायर करने का कमांड दिया गया। इंजन चालू होते ही विक्रम लैंडर चांद की सतह से करीब 40 सेंटीमीटर ऊपर उड़ने लगा। इसके बाद उसे पहले जिस जगह पर उतारा गया था, वहां से 30 से 40 सेंटीमीटर दूर इसरो के वैज्ञानिकों ने फिर सॉफ्ट लैंड कराया। इसरो ने बताया है कि ये प्रयोग सफल रहा है और इससे चांद पर भविष्य में अंतरिक्ष यात्री भेजकर उनको वापस लाने में सफलता मिल सकेगी। इसरो ने ये भी बताया है कि विक्रम लैंडर के सभी यंत्र ठीक से काम कर रहे हैं। आज उड़ान के दौरान विक्रम लैंडर का रैंप, चेस्ट और आईएलएसए को फोल्ड कर लिया गया था। उड़ान खत्म होने के बाद इन तीनों को फिर चांद की सतह पर ला दिया गया है। इस करिश्मे का वीडियो आप ऊपर दिए गए इसरो के ट्वीट में देख सकते हैं।

chandrayaan 3 2

इसरो के वैज्ञानिकों ने इससे पहले विक्रम लैंडर के साथ भेजे गए प्रज्ञान रोवर की बैटरियों को पूरी तरह चार्ज करने के बाद उसे बंद कर दिया था। अब चांद पर अंधेरा छाने वाला है। 27 सितंबर को चांद पर फिर सूरज की रोशनी पड़ेगी। जिसके बाद प्रज्ञान रोवर को फिर चालू करने का इसरो का इरादा है। हालांकि, चांद पर रोशनी न होने के कारण वहां का तापमान शून्य से 200 डिग्री तक नहीं चला जाएगा। ऐसे में प्रज्ञान के यंत्रों के खराब होने का भी अंदेशा है।