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ISRO: सैटेलाइट NVS-01 की सफल लॉन्चिग के बाद इसरो का जोश हुआ High, जुलाई में चंद्रयान-3 छोड़ने की तैयारी

ISRO: इसरो ने 29 मई को सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC-SHAR) से नए ज़माने के आधुनिक नेविगेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया। सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग से लोगों के बीच काफी उत्साह है।

नई दिल्ली। नेक्स्ट जेनरेशन नेविगेशन सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का जोश और भी ज्यादा हाई हो गया है। NVS-01 सैटेलाइट के लॉन्च के कुछ देर बाद ही इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ ने इसरो के एक और बड़े अभियान की घोषणा कर दी है। डॉ. सोमनाथ ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इसी साल जुलाई के महीने में चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जाएगा। जाहिर तौर पर अंतरिक्ष की दुनिया में इसे भारत की तरफ से एक और बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

आपको बता दें कि इसरो ने 29 मई को सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC-SHAR) से नए ज़माने के आधुनिक नेविगेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया। सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग से लोगों के बीच काफी उत्साह है। इस नेक्स्ट जेनरेशन नेविगेशन सैटेलाइट को SLV-F12 रॉकेट के जरिए लॉन्च पैड-2 से छोड़ा गया।

NVS-01 सैटेलाइट को धरती की जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट से 36,568 किलोमीटर ऊपर तैनात किया जाएगा। धरती के चारों ओर ये सैटेलाइट अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। लॉन्च के क़रीब 18 मिनट में ही जीएसएलवी रॉकेट इस सैटेलाइट को धरती के क़रीब 251.52 किलोमीटर ऊपर छोड़ देगा। इसके बाद ये सैटेलाइट अपनी कक्षा तक की यात्रा ख़ुद तय करेगा। सैटेलाइट अपने थ्रस्टर्स की बदौलत अपने निर्धारित कक्षा तक पहुंच जाएगा।

सटीक लोकेशन बताएगी सैटेलाइट में लगी परमाणु घड़ी

इस नेविगेशन सैटेलाइट में इसरो ने अपने ही देश में निर्माण किये गए रूबिडियम एटॉमिक क्लॉक का इस्तेमाल किया है। इस एटॉमिक क्लॉक को अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर ने बनाया गया है। ये परमाणु घड़ी बेहतरीन और सटीक लोकेशन, पोजिशन और टाइमिंग बताने में मदद करता है।