नई दिल्ली। सोशल मीडिया के युग में भ्रामक सूचनाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जिस पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार की तरफ से भी अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जमीन पर इन प्रयासों की तासीर नजर नहीं आ रही है, जो कि अपने आप में चिंता का विषय है। वहीं, अब इन्हीं भ्रामक सूचनाओं का शिकार हो गए आम आदमी पार्टी के गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी। उन्होंने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को लेकर एक ऐसा ट्वीट कर दिया जो कि बाद में पीआईबी की फैक्ट चैक में फर्जी पाया गया, जिसकी वजह से अहमदाबाद में इसुदान गढ़वी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी गई। आइए, अब पहले ये जान लेते हैं कि आखिर इसुदान गढ़वी ने पीएम मोदी को लेकर ऐसा क्या ट्वीट कर दिया था, जिसकी वजह से वे पुलिस के पचड़े में फंस गए।
गत 30 अप्रैल को पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड पूरा हुआ है। जिसे खास बनाने के लिए बीजेपी की तरफ से विशेष तैयारी की गई। इस मौके पर जगह-जगह विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। अब आप नेता इसुदान गढ़वी इसी मन की बात कार्यक्रम को लेकर फर्जी सूचना के आधार पर एक ऐसा दावा कर गए, जिसकी वजह से वे पुलिस पचड़े में फंस गए। दरअसल, इसुदान गढ़वी ने अपने द्वारा साझा किए गए ट्वीट में दावा किया कि पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को बड़े पैमाने पर प्रचारित करने के लिए विज्ञापन में 8.30 करोड़ रुपए खर्च किया गया। वहीं महज विज्ञापन में करोड़ों रुपए जाया कर देना, निसंदेह जांच का विषय है, लेकिन उस जानकारी में कितनी सत्यता है, इसकी तफ्तीश भी जरूरी है।
Claim: PM’s one-day #MannKiBaat message costs 8.3 cr & 830 cr have been incurred so far on ads
▪️This Claim is #Misleading
▪️₹ 8.3 cr is total figure of ads for Mann ki Baat till said date, not for a single episode. Tweet assumes each episode is supported by ads. Which is false pic.twitter.com/oaYFYIgv1F— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 30, 2023
लिहाजा पीआईबी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया, तो जांच में सामने आया कि इस सूचना में तनिक भी सत्यता नहीं है। पीआईबी ने अपनी जांच में पाया कि यह फर्जी सूचना महज राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर व्यापक स्तर पर प्रचारित की गई है, जिस पर अब पुलिस ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इसुदान गढ़वी के खिलाफ अहमदाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं, पुलिस मामले की जांच भी कर रही है। हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है कि जब प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई फर्जी सूचना प्रसारित की गई है, ध्यान रहे कि इससे पहले भी कई मौकों पर ऐसी फर्जी सूचनाएं प्रचारित की जा चुकी हैं, जिसे पीआईबी ने हर बार अपनी जांच में फर्जी ही पाया है।