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Mohan Bhagwat: ‘ये सनातन को ऊपर उठाने का समय, हमें दुनिया को देना है धर्मज्ञान’.. काशी में मोहन भागवत का बड़ा बयान

Mohan Bhagwat: सभा को संबोधित करते हुए, भागवत ने कहा कि वेद जीवन के सभी पहलुओं को शामिल करने वाले हमारे ज्ञान का भंडार हैं। उन्होंने उत्तरी भारत में लगातार हो रहे आक्रमणों पर चिंता व्यक्त की, जिससे वैदिक ज्ञान का क्षरण हो रहा है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आने वाला समय भारत और प्राचीन सनातन धर्म का है। रविवार (6 अगस्त) को काशी (वाराणसी) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि लगातार हमलों ने वैदिक ज्ञान को, खासकर उत्तर भारत में, काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने वेदों के भीतर ज्ञान के खजाने और इसे सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Mohan Bhagwat

मोहन भागवत रविवार को वाराणसी पहुंचे और कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती से मुलाकात की, जो गंगा के तट पर चेत सिंह किला परिसर में चातुर्मास कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान, दोनों नेता चर्चा में लगे रहे और भागवत ने चातुर्मास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अग्निहोत्र अनुष्ठान में भी भाग लिया।

mohan bhagwat

सभा को संबोधित करते हुए, भागवत ने कहा कि वेद जीवन के सभी पहलुओं को शामिल करने वाले हमारे ज्ञान का भंडार हैं। उन्होंने उत्तरी भारत में लगातार हो रहे आक्रमणों पर चिंता व्यक्त की, जिससे वैदिक ज्ञान का क्षरण हो रहा है। उन्होंने इस ज्ञान को संरक्षित करने में पीढ़ियों से अग्निहोत्र अभ्यास करने वालों के समर्पण पर प्रकाश डाला। भागवत ने इस परंपरा के विस्तार और प्रचार-प्रसार के महत्व पर जोर दिया।

मोहन भागवत देश के स्वयंसेवकों में से एक हैं जिन्होंने लगातार हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है। और आज भी वह बिना किसी जातिगत भेदभाव के हिंदू धर्म को एक करने की बात करते हैं। मोहन भागवत को संघ में जो जब बड़ी जिम्मेदारी दी गई उसको उन्होंने बखूबी निभाया और लगातार वे इसी प्रयास में रहे हैं कि किस तरह से संघ के प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाया जाए और उसके उद्देश्य को हर हिंदुस्तानी तक पहुंचाया जाए।