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Jagdambika Pal Slams AIMPLB On Waqf Amendment Bill: ‘वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सांप्रदायिकता फैला रहा’, जेपीसी के अध्यक्ष रहे जगदंबिका पाल का संगीन आरोप

Jagdambika Pal Slams AIMPLB On Waqf Amendment Bill: ऐसी चर्चा है कि वक्फ संशोधन बिल के जरिए देशभर के बोर्डों में महिलाओं को भी शामिल करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा बिल के जरिए वक्फ बोर्डों में दूसरे धर्म के दो सदस्य भी रखे जाने की व्यवस्था है। इस पर ही एआईएमपीएलबी, जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य मुस्लिम संगठन भड़के हुए हैं। उनका आरोप है कि मोदी सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। वहीं, वक्फ बोर्डों पर ये आरोप भी लगता रहा है कि वो असंवैधानिक हैं और मनमर्जी से संपत्तियों को अपनी बताकर कब्जा करते हैं।

लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ 26 मार्च को एक और बड़े विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। इस पर वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के लिए बनी संसद की जेपीसी के अध्यक्ष रहे जगदंबिका पाल ने निशाना साधा है। जगदंबिका पाल ने इसे सुनियोजित रणनीति बताते हुए कहा कि जब जेपीसी बनी, तो 6 महीने हमने वक्फ संशोधन बिल पर सभी हितधारकों को बुलाकर राय ली। जेपीसी के अध्यक्ष रहे जगदंबिका पाल ने कहा कि जो वक्फ संशोधन बिल आने वाला है, वो पूरी तरह पारदर्शी और सभी मुद्दों का हल निकालने वाला होगा।

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जगदंबिका पाल ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से महिलाओं और बच्चों को भी फायदा होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ संबंधी जो कानून है, उससे औकाफ की संपत्तियों से जुड़े लोगों को ही फायदा होता रहा है। जगदंबिका पाल ने एआईएमपीएलबी के विरोध प्रदर्शन को देश को गुमराह और सांप्रदायिकता फैलाने वाला बताया। जगदंबिका पाल ने इसके साथ ही विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष तुष्टिकरण की सियासत कर रहा है और योग्यता के आधार पर विरोध करने वाले बात नहीं कर रहे।

दरअसल, ऐसी चर्चा है कि वक्फ संशोधन बिल के जरिए देशभर के बोर्डों में महिलाओं को भी शामिल करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा बिल के जरिए वक्फ बोर्डों में दूसरे धर्म के दो सदस्य भी रखे जाने की व्यवस्था है। इस पर ही एआईएमपीएलबी, जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य मुस्लिम संगठन भड़के हुए हैं। उनका आरोप है कि मोदी सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। वहीं, वक्फ बोर्डों पर ये आरोप भी लगता रहा है कि वो असंवैधानिक हैं और मनमर्जी से पूरे के पूरे गांव और यहां तक कि 1500 साल पुराने मंदिर, सूरत नगर निगम, दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, प्रयागराज कुंभ मेला की जमीन और यहां तक कि संसद को भी अपना बता रहे हैं। वक्फ एक्ट के मुताबिक जमीन पर विवाद का निपटारा भी किसी कोर्ट में नहीं, बल्कि बोर्ड के ट्रिब्यूनल में ही हो सकती है। ऐसे में मोदी सरकार सभी मुद्दों का हल निकालने के लिए वक्फ संशोधन बिल ला रही है।