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Gita Press Awarded Gandhi Peace Prize: गीता प्रेस को सम्मान दिए जाने पर जयराम रमेश ने उठाए सवाल, लोगों ने कांग्रेस नेता की लगाई क्लास

Gita Press Awarded Gandhi Peace Prize: दरअसल साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए संस्कृति मंत्रालय ने गीता प्रेस को देने की घोषणा की। संस्कृति मंत्रालय के बयान के अनुसार गीता प्रेस गोरखपुर को ये पुरस्कार अहिसंक और अन्य गांधी वादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक परिवर्तन की दिशा उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा।

नई दिल्ली। गीता प्रेस को साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के ऐलान के साथ ही अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार के तुरंत बाद सवाल उठा दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को सम्मान दिए जाने की तुलना वीर सावरकर और गोड़से से दिए जाने जैसा है। जयराम रमेश के इस ट्वीट पर संत जितेंद्रनंद सरस्वती ने पलटवार किया है। संत जितेंद्र नंद ने कांग्रेस नेता के इस बयान की निंदा की है साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर तृष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा दिया। वहीं भाजपा ने भी जयराम रमेश के बयान पर हमला बोला है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के ही कुछ दिग्गज नेता जयराम रमेश के इस बयान से खफा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनके इस बयान को गैर जरूरी बताया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता के इस ट्वीट पर लोगों ने भी अपना आक्रोश दिखाया है।

दरअसल साल 2021 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए संस्कृति मंत्रालय ने गीता प्रेस को देने की घोषणा की। संस्कृति मंत्रालय के बयान के अनुसार गीता प्रेस गोरखपुर को ये पुरस्कार अहिसंक और अन्य गांधी वादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक परिवर्तन की दिशा उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने गीता प्रेस को पुरस्कार के लिए चुना था। वहीं गांधी शांति पुरस्कार पर गीता प्रेस का बयान सामने आया है। इस सम्मान पर गीताप्रेस की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। गीता प्रेस ने पुरस्कार स्वीकार कर किया है, लेकिन 1 करोड़ की सम्मान धनराशि को वो नहीं लेगी।

Jairam Ramesh

लोगों ने लगाई जयराम रमेश की क्लास

गीता प्रेस को सम्मान दिए जाने पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेता जयराम रमेश को यूजर्स ने जमकर क्लास लगाई है। एक यूजर्स ने जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए लिखा, ”जब कभी भविष्य में भारत में कांग्रेस की वर्तमान राजनैतिक दुर्गति पर शोध ग्रंथ लिखे जायेंगे तब उनमें जयराम रमेश जैसे स्वनामधन्य नेताओं के योगदान पर पूरा चैप्टर होगा। ” मोर कैथोलिक दैन द पोप” शिरोमणि, जो वैयक्तिक रूप से एक म्युनिसिपैलिटी वार्ड का चुनाव जीतने की भी हैसियत नहीं रखते।”

सुमन्त नाम के यूजर ने लिखा, ”गीता प्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित होने वाली कल्याण पत्रिका के पहले अंक में महात्मा गांधी ने लेख लिखा था। पता नहीं क्यों, जयराम रमेश जी खफ़ा हुए बैठ गए गीता प्रेस को “गांधी शांति सम्मान” दिए जाने से? गांधी की विरासत से गुस्सा? नेहरू की विरासत से प्यार?”

गीता प्रेस को प्रधानंत्री मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर दी बधाई-

सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, ”भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर हृदय से बधाई। स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा।”