newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jaishankar Clarified India’s Stand : सिंधु जल संधि, पीओके, कश्मीर, आतंकवाद को लेकर जयशंकर ने स्पष्ट किया भारत का रुख, डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर किए दावे पर भी बात की

Jaishankar Clarified India’s Stand : भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि 7 मई की सुबह, हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया। जहां तक कश्मीर का सवाल है पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुद्दे पर बात होगी, इसमें किसी तीसरे की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिछले कई सालों से यही हमारा मत है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा।

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर लगाए गए प्रतिबंध, सिंधु जल संधि, आतंकवाद, पीओके और कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट किया। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के साथ व्यापार और टैरिफ संबंधी दावे पर भी बात की। जयशंकर ने कहा कि 7 मई की सुबह, हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया। जहां तक कश्मीर का सवाल है पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुद्दे पर बात होगी, इसमें किसी तीसरे की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिछले कई सालों से यही हमारा मत है और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर होगी। पाकिस्तान को आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। आतंकवाद पर कैसे कार्रवाई करनी है इस पर चर्चा करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तब तक रद्द रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए आतंकियों के साथ संबंध पूरी तरह से खत्म नहीं कर देता। जयशंकर बोले, आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति है जो कि दुनिया ने भी देख ली। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में भारत को वैश्विक समर्थन भी प्राप्त हुआ। हमारे पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और टैरिफ को लेकर वार्ता चल रही है। यह एक जटिल प्रक्रिया है। हमारी यही अपेक्षा है कि कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए, कोई भी व्यापार सौदा दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। जब तक यह हो नहीं जाता, तब तक इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।