नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती अक्सर अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में छाई रहती है। इस बार पीडीपी चीफ मुफ्ती ने आतंकी इमरान बशीर गनई की मौत पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि आतंकी इमरान बशीर को पुलिस कस्टडी लिया गया और फिर मारा गया है। मुफ्ती ने ट्वीट कर आतंकी की मौत को लेकर सीधे-सीधे सवाल खड़े कर दिए है और पुलिस पर आरोप लगा रही है। हालांकि पहली मर्तबा नहीं है जब उनका प्यार आतंकियों के लिए उमड़ा है। वो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का राग भी अलापते नजर आ चुकी है। आखिर सवाल ये उठता है कि पीडीपी प्रमुख का आतंकियों से इतना प्यार क्यों है।
#Mehboobamufti ने आज सुबह यूपी के मजूदरो के हत्यारे आतंकवादी की मुठभेड़ पर सवाल खड़े किए
महबूबा ने इसे Catch & Kill Policy करार दिया
कहा-
जैसे जैसे #Gujarat और #HimachalPradesh के चुनाव पास आएंगे बीजेपी की तरफ से #Kashmir में माहौल ओर खराब करने की कोशिश होंगी#KashmiriPandits pic.twitter.com/5J4dyMPiIU— Arun Juyal@निरंतर कार्य (@arunjuyal) October 19, 2022
मीडिया से बात करते हुए मुफ्ती ने कहा कि, हम मजम्मत करते है जो हमारे कश्मीरी पंड़ित मारा गया। चाहे मजदूर मारे गए। हम उसकी मजम्मत करते है हम चाहते इमरान गनई जिसको हाइब्रिड आतंकी के शक पर पकड़ कर कस्टडी के अंदर ये बताया गया कि उसको आतंकियों ने मारा। इसकी जांच होनी चाहिए। क्या वाकई पुलिस कस्टडी के अंदर आतंकी घुसकर आदमी को मार सकता है।
Using dubious nomenclature- hybrid militant & chance encounters to justify civilian killings has become the norm in Kashmir. Imran Ganai arrested by the police & then killed in their custody allegedly by another militant defies logic & deserves a thorough investigation. https://t.co/Gte53FDlIV
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 19, 2022
बता दें कि शोपियां में सोमवार को आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों मनीष कुमार और राम सागर की हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने आतंकी इमरान गनई को इस मामले में गिरफ्तार किया था। लेकिन सवाल उठता है कि महबूबा मुफ्ती सुरक्षाबलों के बलिदान को भूलकर आतंकियों को पैरोकार कर रही है और उनके दर्द प्यार उमड़ रहा है। इससे पहले फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों की हत्याओं पर बेतुका बयान दिया था।