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Birsa Munda: जनजातियों के लिए आज गौरव का दिन, PM मोदी ने कहा- अटलजी ने देखा आदिवासियों का हित

पीएम नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने वाले आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आज रांची में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया। व

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने वाले आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आज रांची में भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि देश में जनजातियों का उत्थान पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की इच्छाशक्ति के कारण हुआ। मोदी ने इस मौके पर कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश ने तय किया है कि भारत की जनजातीय परंपराओं को, शौर्य गाथाओं को देश अब और भी भव्य पहचान देगा। इसी क्रम में ऐतिहासिक फैसला लिया गया कि आज से हर साल देश 15 नवंबर यानी भगवान विरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगा।

उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में कुछ दिन बड़े सौभाग्य से आते हैं। जब ये दिन आते हैं तब हमारा कर्तव्य होता है कि उनकी आभा, उनके प्रकाश को अगली पीढ़ियों तक और ज्यादा भव्य रूप से पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि आज के ही दिन श्रद्धेय अटल जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण झारखंड भी अलग राज्य के तौर पर अस्तित्व में आया था। अटल जी ही थे, जिन्होंने देश की सरकार में सबसे पहले अलग आदिवासी मंत्रालय का गठन कर आदिवासी हितों को देश की नीतियों से जोड़ा था। आज इस महत्वपूर्ण अवसर पर देश का पहला जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय देशवासियों के लिए समर्पित हो रहा है। भारत की पहचान और भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए भगवान बिरसा मुंडा ने अपने आखिरी दिन रांची की इसी जेल में बिताए थे।

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पीएम मोदी ने कहा कि भारत की सत्ता, भारत के लिए निर्णय लेने की अधिकार-शक्ति भारत के लोगों के पास आए, ये स्वाधीनता संग्राम का एक स्वाभाविक लक्ष्य था। लेकिन साथ ही, धरती आबा की लड़ाई उस सोच के खिलाफ भी थी जो भारत की, आदिवासी समाज की पहचान को मिटाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के नाम पर विविधता पर हमला, प्राचीन पहचान और प्रकृति से छेड़छाड़ को भगवान बिरसा जानते समाज के कल्याण का रास्ता नहीं मानते थे। वह आधुनिक शिक्षा के पक्षधर थे, वो बदलावों की वकालत करते थे, उन्होंने अपने ही समाज की कुरीतियों के, कमियों के खिलाफ बोलने का साहस दिखाया। पीएम मोदी ने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में ऐसे ही 9 और संग्रहालयों पर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि गुजरात के राजपीपला, आंध्र प्रदेश के लम्बासिंगी, छत्तीसगढ़ के रायपुर, केरल के कोझीकोड, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, तेलंगाना के हैदराबाद, मणिपुर के टमिंगलोंग, मिजोरम के कैल्सि और गोवा के पोंडा में इन संग्रहालयों को हम साकार रूप लेते हुए देखेंगे।