नई दिल्ली। खनन पट्टा हासिल करने के मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। इस मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को 31 मई को पेशी के लिए तलब किया है। इससे पहले आयोग ने सोरेन को नोटिस भेजकर पूछा था कि क्यों न उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जाए। इसका जवाब देने के लिए हेमंत सोरेन ने 10 दिन का अतिरिक्त टाइम मांगा था। हेमंत सोरेन की सरकार झारखंड हाईकोर्ट में मान चुकी है कि सीएम को पट्टा दिया गया। इसे बाद में रद्द करने का एलान भी किया गया था। सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन या तो खुद चुनाव आयोग में पेश हो सकते हैं, या उनका वकील वहां जाकर दलील दे सकता है।
हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग ने जवाब दाखिल होने के बाद बुलाया है। ऐसे में लग रहा है कि सोरेन पर कार्रवाई हो सकती है। बीते कल चुनाव आयोग को हेमंत सोरेन ने अपने जवाब में लिखा है कि साल 2008 में 10 साल के लिए उन्हें खनन लीज मिला था, लेकिन साल 2018 में उस लीज का रिन्यूअल नहीं किया गया। साल 2021 में फिर उन्हें खदान की लीज मिली, लेकिन लीज के तहत काम करने की मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद इस साल 4 फरवरी को उन्होंने लीज को सरेंडर कर दिया। बता दें कि खनन विभाग हेमंत सोरेन के ही पास है और इसी वजह से वो ज्यादा घिर गए हैं।
चुनाव आयोग को भेजे जवाब में सोरेन ने दावा किया है कि अभी उनके पास किसी खदान की लीज नहीं हैं। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को राजनीति से भी प्रेरित बताया है। इस जवाब को पढ़ने के बाद ही आयोग ने उनको तलब किया है। वहीं, बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर पद का लाभ लेने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इस बारे में झारखंड के गवर्नर से शिकायत भी की थी। इसी पर गवर्नर ने चुनाव आयोग से राय मांगी थी। जिसके बाद आयोग ने हेमंत सोरेन से जवाब तलब किया था।