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जेएनयू में लगा ‘जिन्ना मार्ग’ नाम से पोस्टर, एबीवीपी ने जेएनयूएसयू पर लगाया आरोप

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की ओर से परिसर में एक सड़क का नाम वी.डी. सावरकर के नाम पर रखे जाने के दो दिन बाद मंगलवार की सुबह साइन बोर्ड पर ‘मोहम्मद अली जिन्ना रोड’ नामक एक पोस्टर चिपका हुआ पाया गया

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की ओर से परिसर में एक सड़क का नाम वी.डी. सावरकर के नाम पर रखे जाने के दो दिन बाद मंगलवार की सुबह साइन बोर्ड पर ‘मोहम्मद अली जिन्ना रोड’ नामक एक पोस्टर चिपका हुआ पाया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोप लगाया है कि पोस्टर को वाम नेतृत्व वाले जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने लगाया है।

JNU savarkar

एबीवीपी की जेएनयू इकाई के एक बयान में कहा गया, “वाम नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू की असहिष्णु सक्रियता जेएनयू में जारी है। वी.डी. सावरकर मार्ग के साइन बोर्ड पर ‘मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग’ का पोस्टर लगा है।”

हालांकि किसी भी संगठन ने ‘जिन्ना’ पोस्टर लागाए जाने की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने मंगलवार सुबह दावा किया कि इसने सावरकर रोड के साइन बोर्ड को काला करके इसका नाम बदलकर बी.आर. अंबेडकर रोड कर दिया था।

jnu

एनएसयूआई ने ट्विटर पर इसकी जिम्मेदारी लेते हुए पुष्टि की। एनएसयूआई ने मंगलवार सुबह ट्वीट में लिखा, “भारत की आजादी में सावरकर का कोई योगदान नहीं था, वह ब्रिटिश सरकार के एजेंट थे।”

इसमें कहा गया, “एनएसयूआई ने इसका नाम बदलकर बी.आर. अंबेडकर मार्ग कर दिया है, क्योंकि बाबा साहेब ने भारत को इसका संविधान दिया।”
जेएनयू परिसर में रविवार रात सुबनसिर हॉस्टल के पास एक सड़क का नाम बदलकर वी.डी. सावरकर मार्ग कर दिया गया। यह फैसला जेएनयूएसयू को हजम नहीं हुआ।

jnu savarkar road

एक व्हाट्सएप संदेश में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, “यह जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस व्यक्ति (सावरकर) का नाम इस यूनिवर्सिटी में लिया गया है।” आइशी घोष ने आगे लिखा, “सावरकर और उनके लोगों के लिए यूनिवर्सिटी में न पहले कोई जगह थी, न कभी होगी।”