कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज जोर का झटका दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सभी एफआईआर और सीसीटीवी फुटेज 2 हफ्ते में एनआईए को दिए जाएं। रामनवमी के मौके पर हावड़ा के शिबपुर और रिषड़ा में जमकर हिंसा हुई थी। एक समुदाय के लोगों पर रामनवमी मना रहे दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला, आगजनी और पथराव करने का आरोप लगा था। इस मामले में बीजेपी के नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी देकर एनआईए या सीबीआई से जांच की मांग की थी।
The Guardian of the Constitution instilled confidence in the public once again by directing @NIA_India probe into the attacks and disturbances concerning the Ram Nabami processions in West Bengal. The Hon’ble High Court at Calcutta has once again pointed out the mischief of the… pic.twitter.com/wm03484yGo
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) April 27, 2023
पश्चिम बंगाल पुलिस पर भी आरोप लगा था कि वो दंगाइयों का साथ दे रही थी। वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी बिहार और अन्य पड़ोसी राज्यों से उपद्रवियों को बुलाकर इस तरह की हिंसा कराती है। ममता ने हनुमान जयंती के मौके पर रमजान के कारण मुसलमानों की रक्षा करने की अपील भी हिंदुओं से की थी। ममता ने रामनवमी पर हिंसा में मुस्लिमों का हाथ मानने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय रमजान में रोजा रख रहा है। इस तरह की हिंसा वे कर ही नहीं सकते। ममता के इन बयानों का जमकर विरोध भी हुआ था।
अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने रामनवमी पर हिंसा की जांच के आदेश देकर ममता सरकार के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा की जांच भी सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने उस मामले में तमाम टीएमसी के लोगों समेत अन्य को गिरफ्तार किया था। जबकि, ममता औ टीएमसी के नेताओं ने उस वक्त भी बीजेपी पर ही हिंसा कराने का आरोप लगाया था।