
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। अब जानकारी मिल रही है कि सिंधु और समझौते से जुड़ी अन्य नदियों के बारे में भारत ने बड़ा प्लान बनाया है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक सिंधु और अन्य नदियों का पानी ले जाने की तैयारी की है। इसके लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी। ये नहर चिनाब नदी को सतलुज, रावी और ब्यास नदियों से जोड़ते हुए बनाई जानी है। नहर बनने से पाकिस्तान को जाने वाला अतिरिक्त पानी भारत अपने लिए इस्तेमाल कर सकेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में बीजेपी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए नहर बनाने संबंधी बात कही थी। अमित शाह ने कहा था कि सिंधु और अन्य नदियों का पानी 3 साल में नहरों के जरिए राजस्थान के श्रीगंगानगर पहुंचाया जाएगा। अमित शाह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से ये भी कहा था कि पाकिस्तान अब पानी की हर बूंद के लिए तरसेगा। अखबार की खबर के मुताबिक भारत जो नहर बनाने वाला है, उससे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पहले से मौजूद 13 नहरों को जोड़ा जाएगा। फिर मुख्य नहर का बाकी पानी इंदिरा गांधी नहर प्रणाली में मिलाया जाएगा।
सिंधु जल समझौते के तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर पाकिस्तान और सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के पानी पर भारत को अधिकार दिया गया था। इन सभी नदियों पर ज्यादा बांध न होने के कारण भारत अपने हिस्से के पानी का भी ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था। ऐसे में भारत के हिस्से का भी ज्यादातर पानी पाकिस्तान चला जाता था। जिससे पाकिस्तान में जमकर खेती हो रही थी। अब केंद्र सरकार के नहर बनाने के फैसले से पाकिस्तान को दिक्कत होगी। क्योंकि सिंधु जल समझौता फिर से लागू होने पर उसे पहले के मुकाबले कम पानी ही मिलेगा। पाकिस्तान लगातार सिंधु जल समझौता फिर से लागू करने की मांग कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में कई बांध से भारत पानी रोक रहा है। इस वजह से पाकिस्तान में पानी की कमी हो गई है।