
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले पर हैरानी जताई है। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी जवाब दें।
जेपी नड्डा ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,”चीन सरकार के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा साइन किए गए एमओयू पर सुप्रीम कोर्ट भी हैरान है। श्रीमती गांधी और उनके बेटे, जिन्होंने एमओयू समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का नेतृत्व किया, उन्हें अब यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या राजीव गांधी फाउंडेशन को दान के बदले में चीन के लिए भारतीय बाजार खोला गया, जिससे भारतीय व्यवसाय प्रभावित हुए।”
Even the SC is surprised at the MoU signed by the Congress party with the Chinese Gov…
Mrs Gandhi & her son, who led the signing, must explain.
Does this explain donations to RGF and opening Indian market for the Chinese in return, which affected Indian businesses? pic.twitter.com/hidmbcbO7Z— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 7, 2020
दरअसल, हालिया चीन विवाद के दौरान जब कांग्रेस केंद्र सरकार पर मुखर हुई थी तो भाजपा ने साल 2008 में उसके और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हुए एमओयू साइन पर सवाल उठाए थे। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी सरकार के साथ किस तरह समझौता कर सकता है, हालांकि बाद में वकील ने स्पष्ट किया कि ये एमओयू दो राजनीतिक दलों के बीच था। इस पर सीजेआई बोबडे ने याचिका में इस बात का जिक्र न होने की बात कही।
वहीं सीजेआई ने इस मामले को हाईकोर्ट ले जाने को कहा। याचिकाकर्ता ने कांग्रेस और चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हुए समझौते को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए इसकी केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की थी।