
नई दिल्ली। कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डाक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल अभी भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने कल ही जूनियर डाक्टरों को आज शाम 5 बजे तक हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का समय दिया था। अब जूनियर डाक्टरों ने भी सरकार को शाम 5 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। प्रदर्शन में शामिल डाक्टरों का साफ कहना है कि अगर शाम तक सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा। कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे जूनियर डाक्टर अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे, ड्यूटी के दौरान अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
VIDEO | Kolkata rape-murder case: “We want our demands to be met by 5 pm, regarding CCTVs and security. We also demand that rapists and murderers be caught. If our demands are not fulfilled, we will continue to protest against the health department,” says Dr Sumit Singh, one of… pic.twitter.com/8cMrcSRbpq
— Press Trust of India (@PTI_News) September 10, 2024
इसके अतिरिक्त राज्य के स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक और कोलकाता पुलिस चीफ के इस्तीफे की मांग पर भी अड़े हुए हैं। जूनियर डाक्टरों का कहना है कि हमारी साथी डाक्टर के साथ हुए इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और उनको सख्त सजा दिलाई जाए। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कल हुई इस केस की सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि डाक्टरों की हड़ताल के चलते इलाज न मिलने से 23 लोगों की जान जा चुकी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए डॉक्टरों से आज शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया था।
Kolkata, West Bengal: Following the Supreme Court’s deadline to resume work, junior doctors held a rally from Salt Lake Karunamoyee to Swastha Bhavan pic.twitter.com/Msz4BIGofp
— IANS (@ians_india) September 10, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टरों को आश्वस्त किया था कि उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि शीर्ष अदालत ने चेतावनी भी दी कि अगर डाक्टरों का लगातार काम से अनुपस्थित रहना जारी रहा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जूनियर डाक्टर एसोसिएशन की तरफ से कहा गया था कि अगर कल तक हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम समझेंगे कि सरकार गतिरोध खत्म नहीं करना चाहती। उस स्थिति में, हम राज्य भर में उत्पन्न स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार मानेंगे।